सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देतीं, तुम्हारे प्यार की बातें हमें सोने नहीं देतीं. एक बहुत ही प्यारा सा गाना....जिसे सुनते है तो गुनगुनाने का दिल करता ही है...बस ऐसा ही कुछ गुनगुनाना यहाँ मेरे स्वर में है... गीत के मूल गायक -मुकेश, गीतकार-आनंद बक्षी, संगीत-राहुलदेव बर्मन. फिल्म-मुक्ति (1977) Download or play MP3 here
तू प्यार का सागर है..... तेरी इक बूँद के प्यासे हम लौटा जो दिया तुमने, चले जायेंगे जहाँ से हम तू प्यार का सागर है ...
घायल मन का, पागल पंछी उड़ने को बेक़रार पंख हैं कोमल, आँख है धुँधली, जाना है सागर पार जाना है सागर पार अब तू ही इसे समझा, राह भूले थे कहाँ से हम तू प्यार का सागर है ...
इधर झूमती गाये ज़िंदगी, उधर है मौत खड़ी कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पड़ी कानों में ज़रा कह दे, कि आये कौन दिशा से हम तू प्यार का सागर है ...
मूल गायक: मन्ना डे, संगीतकार: शंकर जयकिशन, फिल्म: सीमा - 1955 गीतकार: शैलेन्द्र , प्रस्तुत गीत में स्वर--अल्पना with chorus effects..
संगीत-ओ.पी.नय्यर फिल्म-किस्मत गीत-नूर देवासी आओ हुज़ूर तुमको सितारों में ले चलूँ.. दिल झूम् जाए ऐसी बहारों में ले चलूँ आशा जी का गाया एक बहुत ही लोकप्रिय गीत.. मेरा एक प्रयास .. Swar--Alpana Download or play mp3 here
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी हैरान हूं मैं
हैरान हूं मैं
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूं मैं
परेशान हूं मैं
जीने के लिए सोचा ही नहीं दर्द संभालने होंगे
मुस्कुराएं तो मुस्कुराने के कर्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊं कभी तो लगता है, जैसे होंठों पर कर्ज़ रखा है
आज अगर भर आई हैं बूंदें बरस जाएंगीं
कल क्या पता किनके लिए आंखें तरस जाएंगी
जाने कब गुम हुआ कहां खोया एक आंसू छुपा के रखा था।
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी...
फिल्म-मासूम, गीत--गुलज़ार,संगीत-
मूल गीत -लता ..अभिनेत्री -शबाना आज़मी
प्रस्तुत है कवर संस्करण --स्वर- -अल्पना
दिल की आवाज़ भी सुन मेरे फ़साने पे न जा मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पे न जा १-इक नज़र देख ले जीने की इजाज़त दे दे रूठने वाले वो पहली सी मुहब्बत दे दे
इश्क़ मासूम है इलज़ाम लगाने पे न जा मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पे न जा दिल की आवाज़ भी
२-वक़्त इनसान पे ऐसा भी कभी आता है राह में छोड़के साया भी चला जाता है
दिन भी निकलेगा कभी,रात के आने पे न जा मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पे न जा दिल की आवाज़ ..
मैं हक़ीक़त हूँ ये इक रोज़ बताऊँगी तुझे बेगुनाही पे मुहब्बत की रुलाउंगी तुझे दाग दिल के नहीं मिटते हैं मिटाने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पे न जा दिल की आवाज़ भी सुन......... फिल्म -हमसाया, संगीत -ओ.पी.नय्यर मूल गायक- मो. रफ़ी, गीत-शेवान रिज़वी अभिनेता -जोय मुखर्जी प्रस्तुत स्वर --अल्पना Download MP3 or Play
[recorded again on dec 9 as yesterday's song was not up to mark]
तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा, तुम्हीं देवता हो कोई मेरी आँखों से देखे तो समझे, कि तुम मेरे क्या हो
तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा, तुम्हीं देवता हो
१-जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो न जाने मगर किन खयालों में गुम हो मुझे देखकर तुम ज़रा मुस्कुरा दो नहीं तो मैं समझूँगी, मुझसे ख़फ़ा हो तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा, तुम्हीं देवता हो
२-तुम्हीं मेरे माथे की बिंदिया की झिल-मिल तुम्हीं मेरे हाथों के गजरों की मंज़िल मैं हूँ एक छोटी-सी माटी की गुड़िया तुम्हीं प्राण मेरे, तुम्हीं आत्मा हो तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा, तुम्हीं देवता हो
३-बहुत रात बीती चलो मैं सुला दूँ पवन छेड़े सरगम मैं लोरी सुना दूँ तुम्हें देखकर यह ख़याल आ रहा है कि जैसे फ़रिश्ता कोई सो रहा है
तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा, तुम्हीं देवता हो
फिल्म-खानदान , मूल गायिका -लता ... प्रस्तुत है कवर संस्करण -स्वर -अल्पना
फ़िल्म-ठोकर
मूल गायक -रफ़ी
संगीतकार--श्याम जी घनश्याम जी
गीतकार -साजन देहलवी
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ
१-मैं ने कब तुझ से ज़माने की ख़ुशी माँगी है
एक हलकी सी मेरे लब ने हँसी माँगी है
सामने तुझ को बिठाकर तेरा दीदार करूँ
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ
२-साथ छूटे न कभी तेरा यह क़सम ले लूँ
हर ख़ुशी देके तुझे तेरे सनम ग़म ले लूँ
हाय, मैं किस तरह से प्यार का इज़हार करूँ
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ.
film Thokar (1974) original singer- Rafi
Music: Shamji Ghanshamji
Lyrics: Sajan Delvi
Raga: Bhairavi
यह गीत मुझे बहुत पसंद हैं,रफ़ी साहब के बेहतरीन प्रेम-गीतों में से एक लगता है.
जितनी बार सुनो हमेशा नया सा लगता है .
बहुत इच्छा थी कि इसे अपना स्वर भी दूँ...इसलिए यह प्रस्तुति एक प्रयास है.
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This Song was suggested by Pandit D.K.Sharma'Vats'
Minus track and my vocals were mixed by Arvind Sharman in his mumbai recording studio.
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फ़िल्म : अंकुश
Original Singer: Pushpa Pagdhare, Sushma Sreshtha
Music Director: Kuldip Singh
Lyrics: Abhilash
-प्रस्तुत गीत में स्वर -अल्पना
इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न---
दूर अज्ञान के हों अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचते रहें हम
जितनी भी दे भली ज़िन्दग़ी दे
बैर हो न, किसी का किसी से
भवना मन में बदले की हो न
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न---
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा का जल तू बहाकर
करदे पावन हरेक मनका कोना
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे
भूल कर भी कोई भूल हो न----
तुम मुझे भूल भी जाओ
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तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको ,
मेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है,
मेरे दिल की मेरे जज़बात की क़ीमत क्या है
उलझे-उलझे से ख़्यालात की क़ीमत क्या है
मैंने क्यूं प्यार किया तुमने न क्यूं प्यार किया
इन परेशान सवालात की क़ीमत क्या है
तुम जो ये भी न बताओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
ज़िन्दगी सिर्फ़ मुहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़ुल्फ़-ओ-रुख़सार की जन्नत नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क़ ही एक हक़ीकत नहीं कुछ और भी है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
मैंने तुमसे ही नहीं सबसे मुहब्बत की है
तुमको दुनिया के ग़म-ओ-दर्द से फ़ुरसत ना सही
सबसे उलफ़त सही मुझसे ही मुहब्बत ना सही
मैं तुम्हारी हूँ यही मेरे लिये क्या कम है
तुम मेरे होके रहो ये मेरी क़िस्मत ना सही
और भी दिल को जलाओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
*यह गीत साहिर साहब का लिखा हुआ है और इसकी तर्ज़ सुधा मल्होत्रा जी ने बनायी थी.संगीत-एन.दत्ता का है.
शोभा खोटे और सुनील दत्त पर फिल्माया हुआ फिल्म दीदी[१९५९] से है.
मूल गायक मुकेश और सुधा मल्होत्रा हैं .
यहाँ प्रस्तुत गीत जो कि कवर संस्करण है ,श्री दिलीप कवठेकर जी और मेरा गाया हुआ है. Play or Download Mp3 here
ऐसे ही एक बार हाल ही में जब हम सहेलियाँ एक साथ बैठी थीं तब गानों की बात चली जिनमें कुछ गाने ऐसे याद आये, जो बचपन में हम शादियों में लेडीज़ संगीत में खूब सुना करते थे.ढोलक और चम्मच का साथ और ये गाने..उन गानों में एक यह गीत भी हुआ करता था ..घर आया मेरा परदेसी ...सोचा उन्हों गीतों की कड़ी बनायी जाये..भूले -बिसरे गीत जो आज भी बड़े मधुर लगते हैं . फिल्म आवारा [1951]का यह गीत नरगीस जी पर फिल्माया गया था ,कहते हैं हिंदी सिनेमा का यह पहला स्वप्न गीत था . बड़ा ही छोटा सा गीत है.प्रस्तुत ट्रेक में ढोलक और रबाब का संगीत है .सुनिये यह प्रयोग -अपनी ही आवाज़ का कोरस भी बनाया है. Download Mp3 or Play here
माना जनाब ने पुकारा नहीं ----------------------------- यह चुलबुला सा गीत फिल्म-पेईंग गेस्ट से है और इस गीत को लिखा था मजरूह सुल्तानपुरी जी ने और संगीतबद्ध किया सचिन देव बर्मन साहब ने. आज चार अगस्त को किशोर दा का ८२ वाँ जन्मदिन है इसलिए सोचा उन्हीं का गाया मस्ती भरा चुलबुला सा गीत गाया जाए.. मूल गीत में तीन अंतरे हैं लेकिन जो ट्रेक मिला उस में २ ही अंतरे के लिए जगह है.
मेरा सुन्दर सपना बीत गया ----------------------------- फिल्म-दो भाई [१९४७ ] गीतकार-राजा मेहँदी अली खान संगीतकार- सचिन देव बर्मन [लेकिन ऐसा कहा जाता है कि इस गीत की धुन मदन मोहन जी ने बनायी थी जो उन दिनों उनके सहयोगी थे] गायिका गीता रॉय [गीता दत्त] का रेकॉर्डेड पहला गीत था ‘सुनो-सुनो हरि की लीला सुनाएँ (‘भक्त प्रहलाद’ : 1946) परन्तु उन्हें ‘मेरा सुंदर सपना बीत गया’ (दो भाई : 1947) से लोकप्रियता मिली. इस गीत को अभिनेत्री कामिनी कौशल पर फिल्माया गया था. ...................... गीत के बोल-
मेरा सुन्दर सपना बीत गया मैं प्रेम में सब कुछ हार गयी बेदर्द ज़माना जीत गया मेरा सुन्दर सपना ....
१-क्यों काली बदरिया छायी है क्यों कली -कली मुस्कायी है मेरी प्रेम कहानी खत्म हुई मेरा जीवन का संगीत गया मेरा सुन्दर सपना ....
२-ओ छोड़ के जाने वाले आ.. दिल तोड़ के जाने वाले आ आँखें असुवन में डूब गयीं हँसने का ज़माना बीत गया मेरा सुन्दर सपना ...
३-हर रात मेरी दिवाली थी मैं पिया की होने वाली थी इस जीवन को अब आग लगे
मुझे छोड़ के जीवन-मीत गया मेरा सुन्दर सपना बीत गया......
गीता जी ने मात्र १६ साल की उम्र में इस गीत को रिकॉर्ड किया था. इस गीत को सुनाने के लिए २ साल पहले मुफलिस जी ,डॉ.श्रीधर सक्सेना और नीलिमा जी ने कहा था ,तब से बीच -बीच में मुझे याद भी दिलाया जाता रहा कि कब यह गीत आएगा..मैं इस गीत को छूने से डर रही थी ,यह गीत थोडा कठिन है और भावप्रवण भी ! . मैंने एक प्रयास किया है......सुनिये-:
रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली, बन के सबा, बाग़े वफा में ...
मौसम कोई हो इस चमन में ,रंग बनके रहेंगे हम खिरामा , चाहत की खुशबू, यूँ ही ज़ुल्फ़ों से उड़ेगी, खिजां हो या बहारां यूँ ही झूमते, यूँ ही झूमते और खिलते रहेंगे,
बन के कली बन के सबा, बाग़ें वफ़ा में रहें ना रहें हम ... खोये हम ऐसे क्या है मिलना ,क्या बिछड़ना नहीं है, याद हमको कूचे में दिल के जब से आये ,सिर्फ़ दिल की ज़मीं है याद हमको, इसी सरज़मीं, इसी सरज़मीं पे हम तो रहेंगे, बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में ...रहें ना रहें हम ...
जब हम न होंगे तब हमारी खाक पे तुम रुकोगे चलते चलते , अश्कों से भीगी चांदनी में ,इक सदा सी सुनोगे चलते चलते , वहीं पे कहीं, वहीं पे कहीं, हम तुमसे मिलेंगे, बन के ,कली बन के, सबा बाग़े वफ़ा में ... रहें ना रहें हम, महका करेंगे ... MP 3 Download or Play
Cover song by Alpana This is a request song form Himkar ji.
एक गीत जो मुझे बहुत पसंद है..फिल्म भी बहुत अच्छी थी,लेकिन शायद चली नहीं लता जी के बेहतरीन गीतों में से एक यह गीत लगता है मुझे. इस का फिल्मांकन भी बहुत ही खूबसूरती से हुआ है. भावपूर्ण गीत .. फिल्म--उस पार[1974] संगीत-सचिन देव बर्मन ,गीत-योगेश ,अभिनेत्री मौशमी चेटर्जी
तुमने पिया दिया सब कुछ मुझको अपनी प्रीत दये के राम करे यूँ ही बीते जीवन तुम्हरे गीत गए के,
मैं तो हूँ भोली ऐसे भोली पिया..जैसे थी राधिका कान्हा की प्रेमिका, श्याम कहीं बन जयीयो न तुम मेरी सुध भुलाये के, तुमने पिया...
मेरे मितवा रे मिले जब से तुम मुझे बिंदिया माथे सजे,पायल मेरी बजे, मांग भरे मेरी निस दिन अब सिंदूरी सांझ आई के .
तुमने पिया दिया.... मूल गीत आप यू ट्यूब पर देख सकते हैं.यहाँ गीत मेरे स्वर में है -बिना संगीत- MP3 download / play -------------------
जल उठे सौ दिये जब लिया तेरा नाम क्या जानू सजन १-जब से मिली नज़र माथे पे बन गए बिंदिया नयन तेरे ,देखूँ सजना
धर ली जो प्यार से मेरी कलाइयां पिया तेरी उंगलियाँ हो गई कंगना क्या जानू सजन ..होती है क्या ग़म की शाम २-काँटों में मैं खड़ी नैनों के द्वार पे निस दिन बहार के देखूं सपने
चेहरे की धूल क्या चंदा की चांदनी उतरी तो रह गई मुख पे अपने क्या जानू सजन होती है क्या ग़म की शाम जल उठे सौ दिये जब लिया तेरा नाम क्या जानू सजन ......
हज़ार बातें कहे ज़माना मेरी वफ़ा पे यक़ीन रखना -२ हर एक अदा में में है बेगुनाही मेरी अदा पे यक़ीन रखना हज़ार बातें कहे ... मेरी मोहब्बत की ज़िन्दगी को नज़र न लग जाए इस जहाँ की -२ यही सदा है धड़कते दिल की मेरी सदा पे यक़ीन रखना हज़ार बातें कहे ... किसी को हँसता न देख पाए अजीब शै है ये बैरी दुनिया -२ ये बेमुरव्वत है बेवफ़ा है न बेवफ़ा पे यक़ीन रखना हज़ार बातें कहे ... नज़र में रहना है ख़ुशनसीबी नज़र से गिरना है बेहयाई -२ हया है औरत का एक गहना मेरी हया पे यक़ीन रखना हज़ार बातें कहे ... mp3 download or Play
हरदिल अज़ीज़ गायिका गीता दत्त जी जो २० जुलाई ,१९७२ को सिर्फ ४२ साल की उम्र में ही इस संसार को छोड़ गए थीं...आज उनकी ३९ वीं बरसी है. आज भी हम उन्हें उनकी आवाज़ ,उनके गीतों में अपने पास पाते हैं .यह भी सच है कि उनकी आवाज़ का जादू दोबारा कोई दूसरा जगा नहीं पाया है.
उन्हें याद करते हुए.. मेरी ओर से श्रद्धा सुमन ...'उन्हीं का गाया गीत अपने स्वर में एक कोशिश 'मेरी जाँ मुझे जाँ ना कहो ..'प्रस्तुत है. यह गीत उनका आखिरी गीत था और इसे उनकी बीमारी के दौरान अस्पताल में ही रिकॉर्ड किया गया था.उनके भाई कनु रॉय की फिल्म अनुभव के लिए इसे अभिनेत्री तनुजा पर फिल्माया गया था.गुलज़ार साहब का लिखा और संगीत कनु रॉय का है. Download or Play mp3 Song Suggested by Dr. Anurag Arya
जाने क्या तूने कही जाने क्या मैने सुनी बात कुछ बन ही गयी जाने क्या तूने कही ... सनसनाहट सी हुई,थरथराहट सी हुई जाग उठे ख्वाब कई,बात कुछ बन ही गयी जाने क्या तूने कही ... नैन झुक झुक के उठे,पाँव रुक रुक के उठे आ गयी जान नई,बात कुछ बन ही गयी जाने क्या तूने कही ... ज़ुल्फ़ शाने पे मुड़ी,एक खुशबू सी उड़ी खुल गये राज़ कई,बात कुछ बन ही गयी जाने क्या तूने कही ...मेरे स्वर में-
वो तेरे प्यार का ग़म My Love [१९७०] गीतकार-आनंद बक्षी
फिल्म के लिए इसे मुकेश जी ने शशि कपूर के लिए गाया था
इस लोकप्रिय यादगार गीत के संगीतकार दान सिंह जी थे.जिन का हाल ही में १८ जून २०११ को जयपुर शहर में एक लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था . वे ७८ वर्ष के थे.हिंदी फिल्मो में कई मधुर गीतों का संगीत देने वाले दान सिंह जी बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे .वे एक लंबे समय तक गुमनामी में ही रहे .उनकी अंतिम फिल्म 'भोभर' थी जिस में उन्होंने संगीत दिया था. उन्हीं का संगीतबद्ध किया गीत 'वो तेरे प्यार का ग़म 'मैं अपने स्वर में उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप प्रस्तुत कर रही हूँ . Play here Or Download Mp3
वो तेरे प्यार का ग़म ,इक बहाना था सनम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया
१-ये ना होता तो कोई दूसरा गम होना था
मैं तो वो हूँ जिसे हर हाल में बस रोना था
मुस्कराता भी अगर तो छलक जाती नज़र
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया...
२-वरना क्या बात है तू कोई सितमगर तो नहीं
तेरे सीने भी दिल है कोई पत्थर तो नहीं
तूने ढाया है सितम तो यही समझेंगे हम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया...
वो तेरे प्यार का ग़म......... ------------------------------------------
रहते थे कभी जिनके दिल में ---------------------------- फिल्म-ममता संगीत -रोशन गीतकार-मजरूह सुल्तानपुरी अभिनत्री -सुचित्रा सेन रहते थे कभी जिनके दिल में हम जान से भी प्यारों की तरह बैठे हैं उन्ही के कूचे में हम आज गुनहगारों की तरह
दावा था जिन्हें हमदर्दी का खुद आके न पूछा हाल कभी महफ़िल में बुलाया है हम पे हँसने को सितमगारों की तरह
बरसों से सुलगते तन मन पर अश्कों के तो छींटे दे ना सके तपते हुए दिल के ज़ख्मों पर बरसे भी तो अंगारों की तरह
सौ रुप धरे जीने के लिये बैठे हैं हज़ारों ज़हर पिये ठोकर ना लगाना हम खुद हैं गिरती हुई दीवारों की तरह ---------------------------- यह ग़ज़ल जो मुझे बहुत पसंद है. यह उन कुछ गीतों में से एक है जो मुझ से स्कूल के दिनों में मेरी सहेलियां अक्सर सुनती थीं. ..बिना संगीत ..सिर्फ स्वर...
शमशाद बेग़म और तलत महमूद जी का गाया हुआ एक गीत "मिलते ही आँखें दिल हुआ दीवाना किसी का''जिसेफिल्म बाबुल [1950] के लिए गीतकार शकील बदायुनी ने लिखा और नौशाद साहब ने संगीतबद्ध किया था.
दिलीप कुमार और मुनव्वर सुल्ताना पर फिल्माया गया यह गीत बहुत ही लोकप्रिय गीत रहा है .
दिलीप कवठेकर जी ने गीत कोई डेढ़ साल पहले गाने के लिए तय किया था .उन्होंने अपने स्वर ट्रेक के साथ मुझे इमेल से भेज दिए थे..मैं ने भी अपना हिस्सा गा दिया था लेकिन उस के बाद मेरा लेपटोप क्रेश हुआ तो सारी फाइलें मिस हो गयीं,आज इत्तेफाक से ड्राफ्ट में में सेव किये हुए स्वर और ट्रेक मिल गए तो मैंने उन्हें मिक्स किया है .उम्मीद है ,मिक्सिंग ठीक हो सकी होगी.