Apr 16, 2013

ये दिल और उनकी ..स्वर-अल्पना


फिल्म-प्रेम पर्वत
संगीत -जयदेव
गीतकार-जांनिसार अख्तर
मूल गायिका -लता मंगेशकर

गीत के बोल-
ये दिल और उनकी, निगाहों के साये -
मुझे घेर लेते, हैं बाहों के साये -

पहाड़ों को चंचल, किरन चूमती है -
हवा हर नदी का बदन चूमती है
यहाँ से वहाँ तक, हैं चाहों के साये
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...

लिपटते ये पेड़ों से, बादल घनेरे -
ये पल पल उजाले, ये पल पल अंधेरे
बहुत ठंडे -ठंडे, हैं राहों के साये -
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...

धड़कते हैं दिल कितनी, आज़ादियों से -
बहुत मिलते जुलते, हैं इन वादियों से
मुहब्बत की रंगीं पनाहों के साये -

ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...
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Apr 12, 2013

जब भी जी चाहे नई दुनिया..स्वर -अल्पना


फिल्म-दाग़
संगीतकार -लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गीतकार-साहिर लुध्यानवी.
मूल गायिका-लता मंगेशकर
प्रस्तुत गीत कवर संस्करण है -स्वर-अल्पना

जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग.

याद रहता है किसे गुज़रे ज़माने का चलन,
सर्द पड़ जाती है चाहत, हार जाती है लगन,
अब मोहब्बत भी है क्या इक तिजारत के सिवा,
हम ही नादां थे जो ओढ़ा बीती यादों का क़फ़न,
वरना जीने के लिए सब कुछ भुला लेते  हैं लोग.

जाने वो क्या लोग थे जिनको वफ़ा का पास था,
दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था,
अब हैं पत्थर के सनम जिनको एहसास ना गम ,
वो ज़माना अब कहाँ जो अहल-ए-दिल को रास था,
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग..

जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग...
...Difficult song....tried my best..
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Cover song.....sung by Alpana

Apr 10, 2013

जीना यहाँ, मरना यहाँ.....स्वर-अल्पना



 
फिल्म : मेरा नाम जोकर (1970)
संगीतकार : शंकर-जयकिशन
 
गीतकार-शैलेन्द्र इस अधूरे [गीत को पूरा किया था शैली शैलेन्द्र ने,जो उन्हीं के बेटे थे. ]

मूल गायक मुकेश जी के गाये इस गीत को मैं ने स्वर दिए हैं .
सुनिए....


गीत के बोल-
जीना यहाँ, मरना यहाँ,इसके सिवा जाना कहाँ
जी चाहे जब, हमको आवाज़ दो
हम हैं वहीं, हम थे जहाँ,अपने यहीं, दोनों जहाँ
इसके सिवा जाना कहाँ....

१-ये मेरा गीत जीवन संगीत,जग को हँसाने बहरूपिया
रूप बदल फिर आएगा,स्वर्ग यहीं,, नर्क यहाँ
इसके सिवा जाना कहाँ

२-कल खेल में, हम हों न हों,गर्दिश में तारे रहेंगे सदा
भूलोगे तुम, भूलेंगे वो,पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा
रहेंगे यहीं, अपने निशां
इसके सिवा जाना कहाँ

Cover song Sung by Alpana
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Apr 7, 2013

रुला के गया सपना मेरा



फिल्म--ज्वैल थीफ़

संगीत सचिन देव बर्मन ,

गीत-शैलेंद्र

Lyrics-
रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया .........
1-वही है गम-ए-दिल वही है चन्दा तारे
वही हम बेसहारे आधी रात वही है
और हर बात वही है ,फिर भी ना आया लुटेरा
रुला के गया .....

2-कैसी ये ज़िंदगी कि साँसों से हम ऊबे
कि दिल डूबा हम डूबे  इक दुखिया बिचारी
इस जीवन से हारी उस पर ये गम का अँधेरा
रुला के गया ........

रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा

Cover song by Alpana
स्वर- अल्पना

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[Recorded again in April,2013]

Apr 6, 2013

आप यूँ फासलों से ...

Actress-Madhu Priya

फिल्म-शंकर- हुसैन
गीतकार-जान निसार अख्तर
संगीत- खय्याम
मूल गायिका -लता
अभिनेत्री -मधुप्रिया

गीत-
आप यूँ फासलों से गुज़रते रहे
दिल से कदमों  की आवाज़ आती रही
आहटों से अंधेरे चमकते रहे
रात आती रही ,रात जाती रही

१-गुनगुनाती रही मेरी तन्हाईयाँ
दूर बजती रही कितनी शहनाईयाँ
जिन्दगी, जिन्दगी को बुलाती रही
आप यूँ फासलों से ..

२-क़तरा -क़तरा  पिघलता रहा आसमाँ
रूह की वादियों में ना जाने कहाँ
इक नदी, इक नदी दिलरूबा गीत गाती रही
आप यूँ फासलों से ....

३-आप की गरम बाहों में खो जायेंगे
आप की नरम ज़ानो पे सो जायेंगे,
मुद्दतों रात नींदें चुराती रही
आप यूँ फासलों से .......
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Cover Version Sung by Alpana

Apr 4, 2013

मौसम है आशिक़ाना....


Meena Kumari

फिल्म- पाकीज़ा ,गीत--कमाल अमरोही
संगीत-गुलाम मोहम्मद
मूल गायिका -लता
यहाँ कवर संस्करण प्रस्तुत है.

मौसम है आशिक़ाना
ऐ दिल कहीं से उनको ऐसे में ढूँढ लाना
ऐसे में ढूँढ लाना
मौसम है आशिक़ाना ......

1-कहना के रुत जवां है, और हम तरस रहे हैं
काली घटा के साए, बिरहन को डस रहे हैं
डर है न मार डाले सावन का क्या ठिकाना
मौसम है आशिक़ाना

2-सूरज कहीं भी जाए तुम पर न धूप आए
तुमको पुकारते हैं, इन गेसुओं के साए
आ जाओ मैं बना दूँ पलकों का शामियाना
मौसम है आशिक़ाना

3-फिरते हैं हम अकेले, बाँहों में कोई ले ले
आख़िर कोई कहाँ तक, तनहाइयों से खेले
दिन हो गए हैं ज़ालिम रातें हैं क़ातिलाना
मौसम है आशिक़ाना

4-ये रात ये ख़मोशी ये ख़ाब से नज़ारे
ये ख़ाब से नज़ारे
जुग्नू हैं या ज़मीं पर, उतरे हुए हैं तारे
बेख़ाब मेरी आँखें मदहोश  है ज़माना
मदहोश है ज़माना
मौसम है आशिक़ाना
ऐ दिल कहीं से उनको ऐसे में ढूँढ लाना
मौसम है आशिक़ाना
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कई गीत उधार हैं,उन में से एक यह भी है .


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Vocals-Alpana

Apr 2, 2013

जब भी ये दिल उदास होता है..

सिमी ग्रेवाल


फिल्म-सीमा (१९७१)
गीतकार-गुलज़ार ,
संगीत -शंकर -जयकिशन
मूल गायक -रफ़ी

Lyrics-
जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है
जब भी ये...

१-होंठ चुप चाप बोलते हों  जब
साँसें  कुछ तेज़ तेज़ चलती हों
आँखें जब दे रही हों आवाज़ें
ठंडी आहों में साँस जलती हो
जब भी ये...

२-आँखों में तैरती है तस्वीरें
तेरा चेहरा तेरा खयाल लिये
आइना देखता है जब मुझको
एक मासूम सा सवाल लिये
जब भी ये...

३-कोई वादा नहीं किया लेकिन
क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है
बेवजह जब करार मिल जाए
दिल बड़ा बेकरार रहता है
जब भी ये..
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गीत कठिन है लेकिन मैंने गाने  एक कोशिश की है...
कवर संस्करण-प्रस्तुति -अल्पना
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