Jul 13, 2010

५५ -अफ़साना लिख रही हूँ



Uma devi/Tun Tun [11 July 1923 – 24 November 2003]
हिंदी फ़िल्मों की जानीमानी हास्य अभिनेत्री टुनटुन जिन्होंने फिल्म जगत में उमा देवी के नाम से एक गायिका के रूप में प्रवेश लिया था.
जी हाँ इन्हीं टुनटुन का असली नाम उमा देवी खत्री था. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक दूरदराज़ गाँव में हुआ था और बचपन में ही अपने माता-पिता दोनों को खो चुकी थीं.रेडियो पर गाने सुन सुन कर उन्हें गायिका बनने की चाहत मुम्बई ले आई उस समय उनकी आयु मात्र १३ साल थी.इस कहानी को लगभग सभी जानते हैं.
उनकी आवाज़ में एक कशिश थी बहुत मीठी आवाज़ की मल्लिका थीं वे.
वह नौशाद साहब के लिए ही गाना चाहती थीं और उनकी यह तमन्ना १९४७ की फिल्म दर्द में पूरी हुई.यह उनका सब से अधिक लोकप्रिय गीत रहा.उनको इस क्षेत्र में वो मुकाम नहीं मिल सका जिसकी वे हक़दार थीं.उन्हीं के मुंह भोले भाई संगीतकार नौशाद साहब ने उन्हें फिल्मों में अभिनय की सलाह दी और उन्होंने बतौर हास्य अभिनेत्री फिल्म बाबुल में काम किया और उसके बाद हास्य अभिनेत्री के तौर पर सफलता के नए मुकाम हासिल किये.
उमा देवी का नया नाम टुनटुन बेहद लोकप्रिय हुआ.उनके पति मोहन की मृत्यु १९९२ में हुई और २००३ में उनका निधन हुआ था.उनकी दो पुत्रियाँ और एक पुत्र है.वे अँधेरी ,मुम्बई में रहती थीं.

उनका जन्म दिवस ११ जुलाई को था किसी कारण से उस दिवस को यह गीत नहीं लगा सकी इसलिए आज इस गीत को अपनी ओर से श्रद्धा सुमन के रूप में अर्पित करती हूँ.

[गीत का कवर संस्करण -अल्पना ]
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फ़िल्म - दर्द, मूल गायिका - उमादेवी (टुनटुन), संगीतकार - नौशाद, गीतकार - शकील बदायूँनी
[इसे अभिनेत्री मुनव्वर सुलताना पर फिल्माया गया था ]
अफ़साना लिख रही हूँ दिल-ए-बेक़रार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ

जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में
जी चाहता है मूँह भी न देखूँ बहार का
आँखोँ में रन्ग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ

हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें

लेकिन नसीब लाई हूँ इक सोग़वार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ
आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये

साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-क़रार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ
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Jul 6, 2010

५४-एक दिल और सौ अफसाने


फिल्म-एक दिल सौ अफसाने [१९६३]
गीतकार -शैलेन्द्र
संगीतकार -शंकर जयकिशन
गीत में कलाकार-वहीदा रहमान और राज कपूर
मूल गायिका -लता मंगेशकर

एक दिल और सौ अफसाने ,हाय मोहब्बत हाय ज़माने !
मन बीना के मधुर स्वरों पे गाते हैं सब प्रेम तराने ,

१-दिल जो न होता कुछ भी न होता ,आँख न रोती और दर्द न उठता ,
अपना ये दामन कौन भिगोता कौन किसी के यूँ प्यार में खोता,
एक दिल और सौ...

२-दिल जो लगाया चैन न पाया ,सारे जहाँ का इलज़ाम उठाया ,
बात सुनो ये अपना पराया ,ये तो जनम जनम से होता ही आया।
एक दिल और सौ अफसाने...

प्रस्तुत है इस गीत का कवर संस्करण[स्वर -अल्पना]-:

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