May 20, 2010

५२ -ये शाम की तन्हाईयाँ '


बेहद शालीन, खूबसूरत और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों में आस्था रखने वाली ,फिल्म मदर इंडिया में राधा की भूमिका करने वाली नर्गिस ,भारतीय नारी को एक नया और सशक्त रूप देने वाली हिन्दी सिनेमा की सर्वश्रष्ठ अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं।
1 जून को जन्मी इस अभिनेत्री ने दो दशक के फिल्मी सफर में दर्जनों यादगार भूमिकाएँ कीं.

राजकपूर के साथ उनकी जोड़ी को आज भी याद किया जाता है.उन्होंने बहुत ही सफल फ़िल्में दीं .उन्हीं में से एक थी फिल्म--'आह' इस फिल्म का हर गीत आज भी दिल को छू जाता है.चाहे वह 'राजा की आएगी बारात' हो या 'आ जा रे अब मेरा दिल पुकारा.'
इसी फिल्म से नर्गिस पर फिल्माया लता जी का गाया एक बेहतरीन दर्द भरा गीत है 'ये शाम की तन्हाईयाँ'
इसके गीतकार शैलेन्द्र और संगीतकार शंकर -जयकिशन हैं.


इसी गीत को मैंने यहाँ अपने स्वर में प्रस्तुत किया है.आशा है आप को पसंद आएगा.
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May 12, 2010

५१-अब के बरस भेज भैया को बाबुल



फिल्म-बंदिनी [१९६३]
गीतकार-शैलेन्द्र
संगीतकार-सचिन देव बर्मन
मूल गायिका -आशा भोंसले

अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ, देजो संदेशा भिजाए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...

अम्बुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे, रिमझिम पड़ेंगी फुहारें
लौटेंगी फिर तेरे आंगन में, बाबुल सावन की ठंडी बहारें
छलके नयन मोरा कसके रे जियरा, बचपन की जब याद आए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...

बैरन जवानी ने छीने खिलौने, और मेरी गुड़िया चुराई
बाबुल थी मैं तेरे नाज़ों की पाली, फिर क्यों हुई मैं पराई
बीते रे जग कोई चिठिया पाती, कोई नैहर से आए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल

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प्रस्तुत है इस गीत का कवर वर्शन -[ स्वर --अल्पना ]
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May 7, 2010

५०-चंदा मामा दूर के



''मातृदिवस
की अग्रिम शुभकामनाएं ''

फिल्म-वचन [१९५५]
मूल गायिका -आशा भोंसले
गीता बाली पर फिल्माया गया है।
गीतकार-प्रेम धवन
संगीतकार -रवि

'चंदा मामा दूर के ,पुए पकाए बूर के' यह लोरी बहुत ही लोकप्रिय है ,आज के बच्चों ने शायद न सुनी हो.
एक अनुरोध पर यहाँ दे रही हूँ.




स्वर-अल्पना
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May 2, 2010

४९-मेरे घर आई एक नन्ही परी



संगीत-ख़य्याम
गीतकार- साहिर लुधियानवी
फिल्म-कभी कभी
वहीदा रहमान पर फिल्माया गया गीत
मूल गायिका - लता मंगेशकर

मेरे
घर आई एक नन्ही परी
चाँदनी के हसीन रथ पे सवार
मेरे घर आई..

उसकी बातों में शहद जैसी मिठास
उसकी सासों में इतर की महकास
होंठ जैसे के भीगे-भीगे गुलाब
गाल जैसे के दहके दहके अनार
मेरे घर आई ...

उसके आने से मेरे आंगन में
खिल उठे फूल गुनगुनायी बहार
देख कर उसको जी नहीं भरता
चाहे देखूँ उसे हज़ारों बार
मेरे घर आई ...

मैने पूछा उसे कि कौन है तू
हँसके बोली कि मैं हूँ तेरा प्यार
मैं तेरे दिल में थी हमेशा से
घर में आई हूँ आज पहली बार
मेरे घर आई ...
[
यहाँ प्रस्तुत है गीत का कवर वर्शन ]
स्वर-अल्पना



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