Dec 30, 2010

11-दो पल रुका यादों का कारवाँ


दो पल रुका यादों का कारवाँ

फिल्म--:वीर-ज़ारा
संगीत-मदन मोहन
गीत-जावेद अख़्तर

'दो पल रुका
ख़्वाबों का कारवाँ और फिर चल दिये तुम कहाँ हम कहाँ
दो पल
की थी ये दिलों की दास्ताँ और फिर चल दिये तुम कहाँ हम कहाँ
''

यह दो गाना अपने पी सी पर सितंबर २००८ में रेकॉर्ड किया था जब मैं ट्रेक मिक्सिंग सीख ही रही थी.
कारोआक्े में शुरू में आलाप लता जी की आवाज़ में मूल ट्रेक से ही हैं]
[प्रस्तुत आवाज़ें-राजा पाहवा और मेरी हैं]
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Nov 3, 2010

22-रजनीगंधा फूल तुम्हारे


रजनीगंधा फूल तुम्हारे
film-Rajanigandha[१९७४]
Music: Salil Choudhary
Lyrics:Yogesh
Original Singer :Lata
Starring:Vidya Sinha

रजनीगंधा फूल तुम्हारे महके यूँ ही जीवन में
यूँ ही महके प्रीत पिया की मेरे अनुरागी मन में
रजनीगंधा...

1-हर पल मेरी इन आँखों में बस रहते हैं सपने उनके
मन कहता है मैं रंगों की एक प्यार भरी बदली बनकर
बरसूँ उनके जीवन में
रजनीगंधा...

2-अधिकार ये जबसे साजन का हर धड़कन पर माना मैंने
मैं जबसे उनके साथ बंधी ये भेद तभी जाना मैंने
कितना सुख है बंधन में

रजनीगंधा फूल तुम्हारे महके यूँ ही जीवन में
जैसे महके प्रीत पिया की मेरे अनुरागी मन में
रजनीगंधा...
Song suggested by Dr.Anurag
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[स्वर----अल्पना]

Oct 30, 2010

'गीता दत्त--एक सितारा जो आज भी जगमगा रहा है'[और जाने क्या तूने कही ]

पा‌र्श्वगायिका'गीता दत्त 'भारतीय चित्रपट संगीत के आकाश का वह चमकता सितारा जिसकी रोशनी कभी धूमिल नहीं होगी.उनकी रेशमी आवाज के जादू से कौन नावाकिफ़ है?ये सितारा आज भी हमारे बीच अपने गीतों के रूप में जगमगा रहा है और सदियों ऐसे ही चमकता रहेगा .
गीत्तदत्त का जन्म 23 नवंबर 1930 को फरीदपुर( बाँग्ला देश ) में हुआ था गीता दत्त का पूरा नाम गीता घोष राय चोधरी था .1942 में उन के परिवार वाले मुंबई आ गये थे.
सब से पहले उन्होंने दो भाई फिल्म में सोलो गाना सचिन देव बर्मन जी के निर्देशन में गाया उस से पहले १९४६ में फिल्म 'भक्त प्रह्लाद में समूह गान में उन्होंने गाया था.आखिर सोलो गीत उन्होंने फिल्म 'अनुभव' के लिए गाये थे.रफ़ी के साथ उनका एक गीत किसी फिल्म के लिए शायद १९८३ में रिलीज़ हुआ था.
अभिनय क्षेत्र में भी उन्होंने क़दम रखा था,गुरुदत्त की फिल्म गौरी में कुछ हिस्सा था लेकिन उस फिल्म को गुरुदत्त ने स्क्रेप कर दिया था .एक मात्र बांग्ला फिल्म बधुबरण में उन्होंने काम किया.जो ख़ास चली नहीं.
गीता जी का संगीत करियर १९४६ से १९७२ तक रहा .उन्होंने लगभग १५०० गीत गए.१९४७ से १९५९ तक का समय उनका सब से अच्छा और सक्रीय समय रहा.उनके गए फ़िल्मी और गैर फ़िल्मी गीतों में हर तरह के गीत मिलेंगे चाहे वह भक्ति गीत हो या क्लब डांस गीत,बच्चों के लिए लोरी हो या ग़ज़ल उन्होंने गायकी के हर रंग में गीत गा कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.सचिन देव बर्मन ,ओ.पी.नय्यर और हेमंत कुमार के संगीत निर्देशन में उन्होंने बेहतरीन नगमे हमें दिए.उनकी गायन विविधता और कुशलता इसी बात से मालूम होतीहै कि उन्होंने हिंदी और बांग्ला के अलावा अन्य भाषाओँ में भी लगभग १०० संगीत निर्देशकों के लिए गाया है.
फिल्म बाज़ी के दौरान उनकी मुलाकात अभिनेता और निर्देशक गुरुदत्त जी से हुई और उनसे 26 मई 1953 को विवाह हुआ.उनके दो पुत्र[तरुण और अरुण] और एक पुत्री[नीना] हैं.

गुरुदत्त के मृत्यु १९६४ में होने के बाद गीता जी टूट गयी और फिल्मों से सम्बन्ध लगभग टूट गया.उनके बेटे तरुण दत्त ने सिने ब्लिट्ज पत्रिका में लिखा था कि पिता ने आत्महत्या नहीं की थी. उनकी दादी गीता जी को पसंद नहीं करती थीं और चाहती थीं कि गुरुदत्त वहीदा से विवाह करें.गुरु दत्त कभी दूसरा विवाह नहीं चाहते थे.उनके अनुसार उनके पास उनके पिता जी के उनकी माँ को लिखे letters मौजूद हैं ,जिनसे नहीं लगता कि उनके संबंधों में कोई दरार थी.शायद गुरुदत्त की असामयिक मृत्यु के दर्द को गीता जी सहन नहीं कर सकीं और उसी दुःख में जलते उन्हें नर्वस ब्रेकडाउन हो गया और में २० जुलाई १९७२ के दिन मात्र ४१ वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह गयीं.उनके गाये गीत आज भी सुने और गाये जाते हैं।
मैं उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें अपनी तरफ से स्वरांजलि प्रस्तुत कर रही हूँ ,गीता जी के खुद के पसंदीदा टॉप १० गीतों में से दो गीत ,आशा है उनके प्रशंसकों को निराशा नहीं होगी.

यूँ तो गीता जी के कई गीत सुने और गाये हैं लेकिन फिल्म बाज़ी से 'तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले'गीत के बारे में मैं अनजान थी ,श्री प्रकाश गोविन्द जी ने जब मुझे इस गीत को गाने का सुझाव दिया तो यह एक चुनौती की तरह लगा.लेकिन आज मेरे गाये सब से अच्छे गीतों में से एक है.आप भी सुनिये -:


गीता जी की पसंद की लिस्ट से यह दूसरा गीत भी बहुत ही खूबसूरत है ,आप भी सुनिये मेरे स्वर में 'जाने क्या तूने कही '-फिल्म -प्यासा से-


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संगीत की दुनिया की अमर गायिका हम सब की प्रिय गीता जी को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि .
[जानकारी & चित्र अंतर्जाल के विभिन्न स्त्रोतों से साभार ]

Aug 18, 2010

५७ -वक़्त ने किया क्या हसीं सितम


'वक़्त ने किया क्या हसीं सितम ,तुम रहे तुम हम रहे हम 'फिल्म कागज के फूल [१९५९]के लिए गीत कैफ़ी आज़मी का लिखा और सचिन देव बर्मन जी के संगीत निर्देशन में गीता जी ने गाया था.इसे अदाकार वहीदा रहमान और गुरु दत्त पर फिल्माया गया था.

यह गीत किसी परिचय का मोहताज नहीं है.गीता दत्त जी के गाये इस गीत को कई गायकों ने अपनी आवाज़ में दोबारा गाया.मगर गीता जी का जादू फ़िर कभी दोहराया नहीं गया.वह आज तक मूल गीत में कायम है और अनछुआ है।

मैं इस गीत को कभी गाने की जुर्रत न करती क्योंकि मेरी नज़र में यह अतुलनीय है,अनमोल है लेकिन गायक हर्षण नाम्ब्यार जी के सुझाव पर एक कोशिश की है।

जो भी गीत हम यहाँ गा रहे हैं उनके ट्रेक बने बनाये होते हैं और गीत को निभा सकना भी सीमित हो जाता है।इसलिए इस कोशिश को उसी के मद्दे नज़र तोलियेगा.
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'वक़्त ने किया क्या हसीं सितम'[कवर संस्करण ]
[स्वर-अल्पना ]


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Aug 5, 2010

५६ -'नन्ही कली सोने चली,हवा धीरे आना '


'नन्ही कली सोने चली,हवा धीरे आना '
फिल्म-सुजाता
मूल गायिका-गीता दत्त
गीतकार-मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार-सचिन देव बर्मन
प्रस्तुत संस्करण के लिए ट्रेक मुज्जफर नकवी साहब ने की बोर्ड पर तैयार किया है.

गीत
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नन्ही कली सोने चली हवा धीरे आना
नींद भरे पंख लिए झूला झूला जाना
नन्ही कली सोने चली

1-चांद किरन सी गुड़िया नाज़ों की है पली
आज अगर चांदनिया आना मेरी गली
गुन गुन गुन गीत कोई हौले हौले गाना

नींद भरे पंख लिए झूला झूला जाना

2-रेशम की डोर अगर पैरों को उलझाए
घुंघरू का दाना कोई शोर मचा जाए

रानी मेरे जागे तो फिर निंदिया तू बहलाना

नींद भरे पंख लिए झूला झूला जाना

नन्ही कली सोने चली हवा धीरे आना
...........................................................

Presenting Cover version of this lori.
Vocals-Alpana
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कभी न भूली जा सकने वाली लोरी..बहुत लोकप्रिय रही.आज बहुत से सुनने वाले शायद इस से अनभिग्य हों!कहते हैं कि इस गीत में लोरी के पूरे भाव लाने के लिए इस गाने की रेकॉर्डिंग रात को ही की गयी थी.जबकि रात को रेकॉर्डिंग करना उन दिनों सामान्य बात नहीं थी.गीत अभिनेत्री सुलोचना पर फिल्माया गया था.

Jul 13, 2010

५५ -अफ़साना लिख रही हूँ



Uma devi/Tun Tun [11 July 1923 – 24 November 2003]
हिंदी फ़िल्मों की जानीमानी हास्य अभिनेत्री टुनटुन जिन्होंने फिल्म जगत में उमा देवी के नाम से एक गायिका के रूप में प्रवेश लिया था.
जी हाँ इन्हीं टुनटुन का असली नाम उमा देवी खत्री था. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक दूरदराज़ गाँव में हुआ था और बचपन में ही अपने माता-पिता दोनों को खो चुकी थीं.रेडियो पर गाने सुन सुन कर उन्हें गायिका बनने की चाहत मुम्बई ले आई उस समय उनकी आयु मात्र १३ साल थी.इस कहानी को लगभग सभी जानते हैं.
उनकी आवाज़ में एक कशिश थी बहुत मीठी आवाज़ की मल्लिका थीं वे.
वह नौशाद साहब के लिए ही गाना चाहती थीं और उनकी यह तमन्ना १९४७ की फिल्म दर्द में पूरी हुई.यह उनका सब से अधिक लोकप्रिय गीत रहा.उनको इस क्षेत्र में वो मुकाम नहीं मिल सका जिसकी वे हक़दार थीं.उन्हीं के मुंह भोले भाई संगीतकार नौशाद साहब ने उन्हें फिल्मों में अभिनय की सलाह दी और उन्होंने बतौर हास्य अभिनेत्री फिल्म बाबुल में काम किया और उसके बाद हास्य अभिनेत्री के तौर पर सफलता के नए मुकाम हासिल किये.
उमा देवी का नया नाम टुनटुन बेहद लोकप्रिय हुआ.उनके पति मोहन की मृत्यु १९९२ में हुई और २००३ में उनका निधन हुआ था.उनकी दो पुत्रियाँ और एक पुत्र है.वे अँधेरी ,मुम्बई में रहती थीं.

उनका जन्म दिवस ११ जुलाई को था किसी कारण से उस दिवस को यह गीत नहीं लगा सकी इसलिए आज इस गीत को अपनी ओर से श्रद्धा सुमन के रूप में अर्पित करती हूँ.

[गीत का कवर संस्करण -अल्पना ]
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फ़िल्म - दर्द, मूल गायिका - उमादेवी (टुनटुन), संगीतकार - नौशाद, गीतकार - शकील बदायूँनी
[इसे अभिनेत्री मुनव्वर सुलताना पर फिल्माया गया था ]
अफ़साना लिख रही हूँ दिल-ए-बेक़रार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ

जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में
जी चाहता है मूँह भी न देखूँ बहार का
आँखोँ में रन्ग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ

हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें

लेकिन नसीब लाई हूँ इक सोग़वार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ
आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये

साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-क़रार का
आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ
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Jul 6, 2010

५४-एक दिल और सौ अफसाने


फिल्म-एक दिल सौ अफसाने [१९६३]
गीतकार -शैलेन्द्र
संगीतकार -शंकर जयकिशन
गीत में कलाकार-वहीदा रहमान और राज कपूर
मूल गायिका -लता मंगेशकर

एक दिल और सौ अफसाने ,हाय मोहब्बत हाय ज़माने !
मन बीना के मधुर स्वरों पे गाते हैं सब प्रेम तराने ,

१-दिल जो न होता कुछ भी न होता ,आँख न रोती और दर्द न उठता ,
अपना ये दामन कौन भिगोता कौन किसी के यूँ प्यार में खोता,
एक दिल और सौ...

२-दिल जो लगाया चैन न पाया ,सारे जहाँ का इलज़ाम उठाया ,
बात सुनो ये अपना पराया ,ये तो जनम जनम से होता ही आया।
एक दिल और सौ अफसाने...

प्रस्तुत है इस गीत का कवर संस्करण[स्वर -अल्पना]-:

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Jun 11, 2010

५३ -'मिलकर जुदा हुए तो '



शायर क़तील शिफाई की एक ग़ज़ल
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मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम

आंसू छलक छलक के सताएंगे रात भर
मोती पलक पलक में पिरोया करेंगे हम

जब दूरियों की आग दिलों को जलाएगी
जिस्मों को चांदनी में भिगोया करेंगे हम

गर दे गया दगा़ हमें तूफ़ान भी ‘क़तील’
साहिल पे कश्तियों को डुबोया करेंगे हम


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Ogg Format
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मूल ग़ज़ल 'Album A Milestone' से जगजीत और चित्रा जी की आवाज़ में है.

यहाँ प्रस्तुत कवर संस्करण गायक राजा पाहवा और अल्पना के स्वरों में है.


May 20, 2010

५२ -ये शाम की तन्हाईयाँ '


बेहद शालीन, खूबसूरत और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों में आस्था रखने वाली ,फिल्म मदर इंडिया में राधा की भूमिका करने वाली नर्गिस ,भारतीय नारी को एक नया और सशक्त रूप देने वाली हिन्दी सिनेमा की सर्वश्रष्ठ अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं।
1 जून को जन्मी इस अभिनेत्री ने दो दशक के फिल्मी सफर में दर्जनों यादगार भूमिकाएँ कीं.

राजकपूर के साथ उनकी जोड़ी को आज भी याद किया जाता है.उन्होंने बहुत ही सफल फ़िल्में दीं .उन्हीं में से एक थी फिल्म--'आह' इस फिल्म का हर गीत आज भी दिल को छू जाता है.चाहे वह 'राजा की आएगी बारात' हो या 'आ जा रे अब मेरा दिल पुकारा.'
इसी फिल्म से नर्गिस पर फिल्माया लता जी का गाया एक बेहतरीन दर्द भरा गीत है 'ये शाम की तन्हाईयाँ'
इसके गीतकार शैलेन्द्र और संगीतकार शंकर -जयकिशन हैं.


इसी गीत को मैंने यहाँ अपने स्वर में प्रस्तुत किया है.आशा है आप को पसंद आएगा.
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May 12, 2010

५१-अब के बरस भेज भैया को बाबुल



फिल्म-बंदिनी [१९६३]
गीतकार-शैलेन्द्र
संगीतकार-सचिन देव बर्मन
मूल गायिका -आशा भोंसले

अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ, देजो संदेशा भिजाए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...

अम्बुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे, रिमझिम पड़ेंगी फुहारें
लौटेंगी फिर तेरे आंगन में, बाबुल सावन की ठंडी बहारें
छलके नयन मोरा कसके रे जियरा, बचपन की जब याद आए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...

बैरन जवानी ने छीने खिलौने, और मेरी गुड़िया चुराई
बाबुल थी मैं तेरे नाज़ों की पाली, फिर क्यों हुई मैं पराई
बीते रे जग कोई चिठिया पाती, कोई नैहर से आए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल

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प्रस्तुत है इस गीत का कवर वर्शन -[ स्वर --अल्पना ]
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May 7, 2010

५०-चंदा मामा दूर के



''मातृदिवस
की अग्रिम शुभकामनाएं ''

फिल्म-वचन [१९५५]
मूल गायिका -आशा भोंसले
गीता बाली पर फिल्माया गया है।
गीतकार-प्रेम धवन
संगीतकार -रवि

'चंदा मामा दूर के ,पुए पकाए बूर के' यह लोरी बहुत ही लोकप्रिय है ,आज के बच्चों ने शायद न सुनी हो.
एक अनुरोध पर यहाँ दे रही हूँ.




स्वर-अल्पना
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May 2, 2010

४९-मेरे घर आई एक नन्ही परी



संगीत-ख़य्याम
गीतकार- साहिर लुधियानवी
फिल्म-कभी कभी
वहीदा रहमान पर फिल्माया गया गीत
मूल गायिका - लता मंगेशकर

मेरे
घर आई एक नन्ही परी
चाँदनी के हसीन रथ पे सवार
मेरे घर आई..

उसकी बातों में शहद जैसी मिठास
उसकी सासों में इतर की महकास
होंठ जैसे के भीगे-भीगे गुलाब
गाल जैसे के दहके दहके अनार
मेरे घर आई ...

उसके आने से मेरे आंगन में
खिल उठे फूल गुनगुनायी बहार
देख कर उसको जी नहीं भरता
चाहे देखूँ उसे हज़ारों बार
मेरे घर आई ...

मैने पूछा उसे कि कौन है तू
हँसके बोली कि मैं हूँ तेरा प्यार
मैं तेरे दिल में थी हमेशा से
घर में आई हूँ आज पहली बार
मेरे घर आई ...
[
यहाँ प्रस्तुत है गीत का कवर वर्शन ]
स्वर-अल्पना



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Apr 18, 2010

४८-मेरा प्यार भी तू है'


गाना-'मेरा प्यार भी तू है'
फिल्म-साथी
संगीतकार -नौशाद
गीतकार-मजरूह सुल्तानपुरी
मूल गायक: मुकेश- सुमन कल्यानपुर
यहाँ प्रस्तुत कवर गीत में स्वर --दिलीप कवठेकर जी और अल्पना
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इस गीत को final ट्रेक मिक्स' दिलीप जी ने किया है।'वे एक बेहतरीन गायक हैं,ये आप सभी जानते हैं.

हाल ही में सोनी टी वी के एक संगीत प्रतियोगिता[Indian idol] के प्रोग्राम के लिए अपने क्षेत्र के प्रतियोगियों के आरम्भिक चयन में वे निर्णायक रह चुके हैं.

इस एक साल में 'दिल की नज़र से' और ' कश्ती का खामोश सफ़र 'के बाद दिलीप जी के साथ यह मेरा तीसरा गीत है.इसे पूरा करने में कई तकनीकी मुश्किलें आयीं ,आखिरकार पूरा हो ही गया.
उनका आभार.
आप की कई फरमाईशें भी मिली हैं ,जल्द ही पूरा करने का प्रयास रहेगा.गीत पर अपनी राय अवश्य दिजीयेगा.

Apr 15, 2010

४७-आज कल पाँव ज़मीं पर



Film: Ghar
संगीतकार -राहुलदेव बर्मन
गीतकार : गुलजार

(आज कल पाँव ज़मीं पर नहीं पड़ते मेरे
बोलो देखा है कभी तुमने मुझे उड़ते हुए)
आज कल पाँव ज़मीं पर नहीं पड़ते मेरे

जब भी थामा है तेरा हाथ तो देखा है
लोग कहते हैं के बस हाथ की रेखा है
हमने देखा है दो तक़दीरों को जुड़ते हुए
आज कल पाँव...

नींद सी रहती है, हलका सा नशा रहता है
रात\-दिन आँखों में इक चहरा बसा रहता है
पर लगी आँखों को देखा है कभी उड़ते हुए
आज कल पाँव...

जाने क्या होता है हर बात पे कुछ होता है
दिन में कुछ होता है और रात में कुछ होता है
थाम लेना जो कभी देखो हमें उड़ते हुए
आज कल पाँव...
Cover version[Sung by Alpana]
[Recorded in oct,2009.]
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Apr 7, 2010

४६-रुके रुके से कदम



फिल्म : मौसम
संगीत : मदन मोहन
गीत : गुलज़ार
मूल गायिका : लता
[Vocals-Alpana ]
रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले (२)
क़रार लेके तेरे दर से बेक़रार चले
रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले
रुके रुके से कदम

सुबह ना आयी कई बार नींद से जागे (२)
कि एक रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले (२)
रुके रुके से कदम

उठाये फिरते थे एहसान दिल का सीने पर (२)
ले तेरे कदमों पे ये कर्ज़ भी उतार चले (२)
क़रार लेके तेरे दर से बेक़रार चले
रुके रुके से कदम रुक के बार बार चले
रुके रुके से कदम

Cover version
Play/ डाउनलोड .[ Mp3]
Song suggested  by Mr.Prakash Govind

Mar 18, 2010

४४-वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया




वो इश्क़ जो हमसे रूठ गया, अब उसका हाल बताएँ क्या,
कोई मेहर नहीं, कोई कहर नहीं, फिर सच्चा शेर सुनाएँ क्या।

एक हिज़्र जो हमको ला-हक है, ता-देर उसे दुहराएँ क्या,
वो जहर जो दिल में उतार लिया, फिर उसके नाज़ उठाएँ क्या।

एक आग ग़म-ए-तन्हाई की, जो सारे बदन में फैल गई,
जब जिस्म हीं सारा जलता हो, फिर दामने-दिल को बचाएँ क्या।

हम नगमा-सरा कुछ गज़लों कें, हम सूरत-गर कुछ ख्वाबों के,
ये जज्बा-ए-शौक सुनाएँ क्या, कोई ख्वाब न हों तो बताएँ क्या।

शायर 'अतर नफीस' की लिखी है.

********कोई साज़ नहीं है,मैं ने सिर्फ इसे पढ़ा है********

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Mar 15, 2010

43-नानी तेरी मोरनी को

'नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए'


यह बाल गीत 1960 में आई हिंदी फिल्म 'मासूम' से है.
Lyrics-Shailendra,Music-Hemant Kumar
picturised on Daisy irani
आज भी अन्ताक्षरी में बहुत गाया जाता है .
फिल्म के लिए इसे रानू मुखर्जी ने गाया था.
जो गायक संगीतकार हेमंत कुमार की बेटी हैं और आज लोकप्रिय सुप्रसिद्ध बंगला गायिका भी हैं.

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[स्वर--अल्पना ]

Mar 10, 2010

42-अच्छा सिला दिया तूने



'अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का
यार ने ही लूट लिया घर यार का '
पाकिस्तानी शायर सादिक़ का लिखा और वहीँ के गायक अताउल्लाह खान और
गुलकारा Naseebo Lal ने इस गीत को गाया हुआ है.
Musician निखिल -विनय ki एक non filmi अल्बम के लिए सोनू निगम ने गाया था,जो सुपर डुपर हिट रहा था.
बाद में टी सिरिस ने इस पर ‘बेवफा सनम’ के नाम से फ़िल्म भी बनाई..
मेरी आवाज़ में सुनिये यही गीत...
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Mar 2, 2010

41-ओ पालनहारे



'ओ पालनहारे निरगुन और न्यारे ,तुम्हारे बिन हमरा कौनु नाहीं,
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन,तुम्हारे बिन हमरा कौनु नाहीं '

Song video-:

संगीत --ए .आर.रहमान
गीत----जावेद अख्तर
गीत आमिर खान और Gracy Singh पर फिल्माया गया था.

फिल्म -लगान
मूल गायक---लता मंगेशकर और उदित नारायण
यहाँ प्रस्तुत गीत में स्वर -श्री राजा पाहवा और अल्पना के हैं.
Mr.Raja Pahwa is from Delhi [India].

This song is completed thru Emails.
Chorus in this song was with the track itself.


Thanks Raja for completing this song.




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Feb 26, 2010

40-दिल तो है दिल




Movie Name: Muqaddar Ka Sikandar (1978)
original Singer: Lata Mangeshkar
Music Director: Kalyanji Anandji
Lyrics: Anjaan
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'दिल तो है दिल, दिल का ऐतबार, क्या कीजे ''

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[Cover by Alpana]

Feb 23, 2010

39-ये लो मैं हारी



ये लो मैं हारी पिया

चित्रपट : आर पार
संगीतकार : ओ. पी. नय्यर
गीतकार : मजरूह सुलतान पुरी
मूल गायिका : गीता दत्त
Starring: Shyama
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[Posted song is not original]

ये लो मैं, ये लो मैं
ये लो मैं हारी पिया,हुई तेरी जीत रे
काहे का झगड़ा बालम,नई नई प्रीत रे
ये लो मैं...

नये नये दो नैन मिले हैं,पहली मुलाकात है
मिलते ही तुम रूठ गये जी..ये भी कोई बात है,
जाओ जी माफ़ किया,तू ही मेरा मीत रे
काहे का झगड़ा ...

हुई तिहारी संग, चलोजी बैयाँ मेरी थामके
बंधी बलम क़िस्मत की डोरी संग तेरे नाम के
लड़ते ही लड़ते मौसम जाये नहीं बीत रे
काहे का झगड़ा ...

चले किधर को बोलो बाबू सपनों को लूट के
हाय राम जी रह नहीं जाए दिल मेरा टूटके,
ये लो मैं हारी पिया,हुई तेरी जीत रे
काहे का झगड़ा बालम,नई नई प्रीत रे

ये लो मैं हारी पिया ...

Cover Song-sung by Alpana

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Feb 17, 2010

38-जाता कहाँ है दीवाने


Film: सीआईडी :[ १९५६]
Music: O.P.Nayyar
Lyrics: Majrooh Sultanpuri
Original Singer-: गीता दत्त
Starring: Dev Anand, Shakeela, Waheeda Rehman



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Cover by Alpana
Lyrics-:
'जाता कहाँ है दीवाने,सब कुछ यहाँ है सनम
बाकी के सारे फ़साने,झूठे हैं तेरी क़सम

fifty?
कुछ तेरे दिल में fifty,कुछ मेरे दिल में fifty
ज़माना है बुरा...

पहलू बदलने लगे,घबरा के चलने लगे
आँखें मिलीं भी नहीं,यूँ ही सम्भलने लगे
ऐ जी सुनिये हुज़ूर,जाना हमसे न दूर
देखो दिल है किसी का जलाना बुरा

जाता कहाँ है दीवाने

सैयाद है तू मगर,मुझको न यूँ तन के देख
नादाँ ज़रा एक बार,क़ैदी मेरा बन के देख
मानो\-मानो मेरी बात,है ये पहली मुलाक़ात

जाता कहाँ है दीवाने.......

Feb 2, 2010

36-तुम्हें अपना बनाने की क़सम













'तुम्हें अपना बनाने की क़सम '

film-Sadak
Original Song is by Kumar Sanu and Anuradha Paudwaal.

This cover song was recorded in december,2008.
Just ek prayog ke taur pe geet ke shuru mein
Aamir khan ka ek dialogue add kiya hai.

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Jan 18, 2010

35-मेरे हाथ में तेरा हाथ हो



गीत : मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
फिल्म-फना
संगीतकार-जतिन-ललितमूल गायक-सोनू निगम ,सुनिधि चौहान
Cover version of the song by --Raja Pahwa &Alpana

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'मेरे हाथ में तेरा हाथ हो,सारी जन्नतें मेरे साथ हों,
तू जो साथ हो फिर क्या ये जहाँ तेरे प्यार में हो जाऊं फना,'
तेरे दिल में मेरी साँसों को पनाह मिल जाये
तेरे इश्क में मेरी जान फना हो जाये


जितने पास हैं खुश्बु सांस के
जितने पास होंठों के सरगम
जैसे साथ हैं करवट याद के
जैसे साथ बाहों के संगम
जितने पास पास ख़्वाबों के नज़र
उतनी पास तू रहना हमसफ़र
तू जो पास हो फिर क्या यह जहाँ
तेरे प्यार में हो जाऊं फना
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो सारी जन्नतें मेरे साथ हो
रोने दे आज हमको दो आँखें सुजाने दे
बाहों में लेने दे और खुद को भीग जाने दे
हैं जो सीने में क़ैद दरिया वोह छूट जाएगा
हैं इतना दर्द के तेरा दामन भीग जाएगा


जितने पास पास धड़कन के हैं राज़
जितने पास बूंदों के बादल
जैसे साथ है चन्दा रात के
जितने पास नैनों के काजल
जितने पास पास सागर के लहर
उतने पास तू रहना हमसफ़र
तू जो पास हो फिर क्या यह जहाँ
तेरे प्यार में हो जाऊं फना
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो सारी जन्नतें मेरे साथ हो
अधूरी सांस थी धड़कन अधूरी थी अधूरें हम
मगर अब चांद पूरा हैं फलक पे और अब पूरें हैं हम

Jan 10, 2010

34-मेरा दिल ये पुकारे











फिल्म - नागिन
गीतकार - राजेंद्र किशन
संगीतकार - हेमंत कुमार

मेरा दिल ये पुकारे आजा
मेरे गम के सहारे आजा
भीगा भीगा है समां ऐसे में है तू कहाँ
मेरा दिल ये पुकारे आजा .......

तू नहीं तो ये रुत ये हवा क्या करूँ, क्या करूँ करू
दूर तुमसे रहके के बता क्या करू ,क्या करू
सुना सुना है जहाँ अब जाऊं मैं कहाँ
बस इतना मुझे समझा जा,
भीगा भीगा है समां...

आंधिया वो चली आशियाँ लुट गया,
प्यार का मुस्कुराता जहाँ लुट गया
एक छोटी सी झलक मेरे मिटने तलक..
ओ चाँद........... मेरे दिखला जा
भीगा भीगा है समां ऐसे में है तू कहाँ
मेरा दिल ये पुकारे आजा .......
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Original Singer for the film- लता मंगेशकर
Cover Version sung by Alpana




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