Jul 31, 2011

मेरा सुन्दर सपना












मेरा सुन्दर सपना बीत गया
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फिल्म-दो भाई  [१९४७ ]
गीतकार-राजा मेहँदी अली खान
संगीतकार- सचिन देव बर्मन [लेकिन ऐसा कहा जाता है कि इस गीत की धुन मदन मोहन जी ने बनायी थी जो उन दिनों उनके सहयोगी थे]
गायिका गीता  रॉय [गीता  दत्त]  का रेकॉर्डेड पहला गीत  था  ‘सुनो-सुनो हरि की लीला सुनाएँ (‘भक्त प्रहलाद’ : 1946) परन्तु उन्हें
 ‘मेरा सुंदर सपना बीत गया’ (दो भाई : 1947) से लोकप्रियता मिली.
इस गीत को अभिनेत्री कामिनी कौशल  पर फिल्माया गया था.
......................
गीत  के बोल-
मेरा सुन्दर सपना  बीत गया
मैं प्रेम में सब कुछ हार गयी
बेदर्द ज़माना जीत गया
मेरा सुन्दर सपना ....

१-क्यों काली बदरिया छायी है
क्यों कली -कली मुस्कायी है
मेरी प्रेम कहानी खत्म हुई
मेरा जीवन का संगीत गया
मेरा सुन्दर सपना ....

२-ओ छोड़  के जाने वाले आ..
दिल तोड़ के जाने वाले आ
आँखें असुवन में डूब गयीं
हँसने का ज़माना बीत गया
मेरा सुन्दर सपना ... 
 
३-हर रात मेरी दिवाली थी
मैं पिया की होने वाली थी
इस जीवन को अब आग लगे

मुझे छोड़ के  जीवन-मीत गया
मेरा सुन्दर सपना बीत गया......
गीता जी ने मात्र १६ साल की उम्र में इस गीत को रिकॉर्ड किया  था.
इस गीत को सुनाने के लिए २ साल पहले  मुफलिस जी ,डॉ.श्रीधर सक्सेना और नीलिमा जी ने कहा था ,तब से बीच -बीच में मुझे याद भी दिलाया जाता रहा कि कब यह गीत आएगा..मैं इस गीत को छूने से डर रही थी ,यह गीत थोडा कठिन है  और भावप्रवण भी !  .
  मैंने  एक प्रयास किया है......सुनिये-:

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Jul 28, 2011

रहें ना रहें हम-[फिल्म-ममता ]

रहें ना रहें हम

गीतकार : मज़रूह सुल्तानपुरी

संगीत -रोशन

मूल गायिका -लता मंगेशकर


रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली,
बन के सबा, बाग़े वफा में ...

मौसम कोई हो इस चमन में ,रंग बनके रहेंगे हम खिरामा ,
चाहत की खुशबू, यूँ ही ज़ुल्फ़ों से उड़ेगी, खिजां हो या बहारां
यूँ ही झूमते, यूँ ही झूमते और खिलते रहेंगे,

बन के कली बन के सबा, बाग़ें वफ़ा में  रहें ना रहें हम ...
खोये हम ऐसे क्या है मिलना ,क्या बिछड़ना नहीं है, याद हमको
कूचे में दिल के जब से आये ,सिर्फ़ दिल की ज़मीं है याद हमको,
इसी सरज़मीं, इसी सरज़मीं पे हम तो रहेंगे,
बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में ...रहें ना रहें हम ...

जब हम न होंगे तब हमारी खाक पे तुम रुकोगे चलते चलते ,
अश्कों से भीगी चांदनी में ,इक सदा सी सुनोगे चलते चलते ,
वहीं पे कहीं, वहीं पे कहीं, हम तुमसे मिलेंगे,
बन के ,कली बन के, सबा बाग़े वफ़ा में ...
रहें ना रहें हम, महका करेंगे ...

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Cover song by Alpana
This is a request song form Himkar ji.

Jul 27, 2011

बाबूजी धीरे चलना



फिल्म-आर पार
संगीतकार-ओ.पी.नय्यर
गीतकार-मजरूह सुल्तानपुरी

गीत-मूल गायिका-गीता दत्त

बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में, बाबूजी ...

क्यूँ हो खोये हुये सर झुकाये
जैसे जाते हो सब कुछ लुटाये
ये तो बाबूजी पहला कदम है
नज़र आते हैं अपने पराये
हाँ बड़े धोखे हैं ...

ये मुहब्बत है ओ भोलेभाले
कर न दिल को ग़मों के हवाले
काम उलफ़त का नाज़ुक बहुत है
आके होंठों से टूटेंगे प्याले
हाँ ,,बड़े धोखे हैं ...

हो गयी है किसी से जो अनबन
थाम ले दूसरा कोई दामन
ज़िंदगानी की राहें अजब हैं
हो अकेला है तो लाखों हैं दुश्मन
हाँ बड़े धोखे हैं ...

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स्वर--अल्पना
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Jul 25, 2011

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में

दीप्ती नवल-फिल्म :साथ- साथ

फिल्म : साथ-साथ [१९८४]
गीतकार-जावेद अख्तर
संगीत-कुलदीप सिंह

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए,
इतने हुए करीब की हम दूर हो गए,

१-ऐसा नहीं के हमको कोई ख़ुशी नहीं ,
लेकिन ये ज़िन्दगी भी कोई ज़िन्दगी नहीं,

क्यूँ इसके फैसले हमें मंज़ूर हो गए,इतने हुए करीब ....

२-पाया तुम्हें तो ऐसा लग तुमको खो दिया,
हम दिल पे रोये और ये दिल हम पे रो दिया,

पलकों से ख्वाब क्यूँ गिरे क्यूँ चूर हो गए,इतने हुए करीब...

[प्रस्तुत है कवर गीत --स्वर-अल्पना]

Jul 24, 2011

तुमने पिया दिया सब कुछ

.

 एक गीत जो मुझे बहुत पसंद है..फिल्म भी बहुत अच्छी थी,लेकिन शायद चली नहीं
लता जी के बेहतरीन गीतों में से एक यह गीत लगता है मुझे.
इस का फिल्मांकन भी बहुत ही खूबसूरती से हुआ है.
भावपूर्ण गीत ..
फिल्म--उस पार[1974]
संगीत-सचिन देव बर्मन ,गीत-योगेश ,अभिनेत्री मौशमी चेटर्जी

तुमने पिया दिया सब कुछ मुझको अपनी प्रीत दये के
राम  करे यूँ ही बीते जीवन तुम्हरे गीत गए के,

मैं तो हूँ भोली ऐसे भोली पिया..जैसे थी राधिका कान्हा की प्रेमिका,
श्याम कहीं बन जयीयो न तुम मेरी सुध भुलाये के,
तुमने पिया...

मेरे मितवा रे मिले जब से तुम मुझे बिंदिया माथे सजे,पायल मेरी बजे,
मांग भरे मेरी निस दिन अब सिंदूरी सांझ आई के .

तुमने पिया दिया....
मूल गीत आप यू ट्यूब पर देख सकते हैं.यहाँ  गीत मेरे स्वर में है -बिना संगीत-
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Jul 22, 2011

क्या जानू सजन ..[बहारों के सपने]


फिल्म--बहारों के सपने/दिल विल प्यार व्यार
 संगीत-राहुल देव बर्मन 
गीत-मजरूह सुल्तानपुरी 
मूल गायिका-लता मंगेशकर /कविता कृष्णमूर्ति
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क्या जानू सजन ..होती है क्या ग़म की शाम  
जल उठे सौ दिये जब लिया तेरा नाम
क्या जानू सजन
१-जब से मिली नज़र माथे पे बन  गए
बिंदिया नयन तेरे ,देखूँ सजना

धर ली जो प्यार से मेरी कलाइयां
पिया तेरी उंगलियाँ हो गई कंगना
क्या जानू सजन ..होती है क्या ग़म की शाम
२-काँटों में मैं खड़ी नैनों के द्वार पे
निस दिन बहार के देखूं सपने

चेहरे की धूल क्या चंदा की चांदनी
उतरी तो रह गई मुख पे अपने
क्या जानू सजन होती है क्या ग़म की शाम
जल उठे सौ दिये जब लिया तेरा नाम
क्या जानू सजन ......

स्वर---अल्पना
1-first Song done on July 22-:

हज़ार बातें कहे ज़माना


फिल्म-घटना
ग़ज़लकार -नक्श लायलपुरी और संगीत -रवि


हज़ार बातें कहे ज़माना मेरी वफ़ा पे यक़ीन रखना -२
हर एक अदा में में है बेगुनाही मेरी अदा पे यक़ीन रखना
हज़ार बातें कहे ...
मेरी मोहब्बत की ज़िन्दगी को नज़र न लग जाए इस जहाँ की -२
यही सदा है धड़कते दिल की मेरी सदा पे यक़ीन रखना
हज़ार बातें कहे ...
किसी को हँसता न देख पाए अजीब शै है ये बैरी दुनिया -२
ये बेमुरव्वत है बेवफ़ा है न बेवफ़ा पे यक़ीन रखना
हज़ार बातें कहे ...
नज़र में रहना है ख़ुशनसीबी नज़र से गिरना है बेहयाई -२
हया है औरत का एक गहना मेरी हया पे यक़ीन रखना
हज़ार बातें कहे ...
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Jul 21, 2011

जुर्म-ए-उल्फत पे हमें ....


जुर्म-ए-उल्फत पे हमें ....[ केवल स्वर ]
फिल्म--ताजमहल ,
शायर-साहिर लुध्यानवी
संगीत -रोशन

जुर्म-ए -उल्फत पे हमें  लोग सज़ा देते हैं ,
कैसे नादां है, शोलों  को हवा देते हैं
कैसे नादां हैं...

हमसे दीवाने कहीं  तर्के वफ़ा करते हैं ..
जान जाए के रहे बात निभा देते हैं
जान जाए....

तख़्त क्या चीज़ है और लाल-ओ-जवाहर क्या हैं..
इश्क वाले तो खुदाई भी लुटा देते हैं
जुर्म-ए -उल्फत पे हमें  लोग सज़ा देते हैं .
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Jul 19, 2011

मुझे जाँ न कहो



हरदिल अज़ीज़ गायिका गीता दत्त जी जो   २० जुलाई ,१९७२ को  सिर्फ ४२ साल की उम्र में ही इस संसार को छोड़ गए थीं...आज उनकी ३९ वीं बरसी है.
आज भी हम उन्हें उनकी आवाज़ ,उनके गीतों में   अपने पास पाते हैं .यह भी सच है कि उनकी आवाज़ का जादू दोबारा कोई दूसरा  जगा नहीं पाया है.

उन्हें याद करते  हुए.. मेरी ओर से श्रद्धा सुमन ...'उन्हीं का गाया गीत अपने स्वर में एक कोशिश 'मेरी जाँ  मुझे जाँ  ना कहो ..'प्रस्तुत है.

यह गीत उनका आखिरी गीत था और इसे उनकी बीमारी के दौरान अस्पताल में ही रिकॉर्ड किया गया था.उनके भाई कनु रॉय की फिल्म अनुभव के लिए इसे अभिनेत्री तनुजा पर फिल्माया गया था.गुलज़ार साहब का लिखा  और संगीत कनु रॉय का है.
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Song Suggested by Dr. Anurag Arya


गीता दत्त -एक सितारा जो आज भी जगमगा रहा है


Jul 14, 2011

जाने क्या तूने कही



फ़िल्म - प्यासा, 
मूलगायिका  - गीता दत्त,
संगीत - एस डी बर्मन,

गीत -

जाने क्या तूने कही
जाने क्या मैने सुनी
बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...
सनसनाहट सी हुई,थरथराहट सी हुई
जाग उठे ख्वाब कई,बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...
नैन झुक झुक के उठे,पाँव रुक रुक के उठे
आ गयी जान नई,बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...
ज़ुल्फ़ शाने पे मुड़ी,एक खुशबू सी उड़ी
खुल गये राज़ कई,बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ... मेरे स्वर में-


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Jul 10, 2011

यूँ ही दिल ने चाहा था


यूँ ही दिल ने चाहा  था

फिल्म-दिल ही तो है [1963]
संगीतकार-रोशन
गीतकार-साहिर लुध्यानवी
Picturised on Nutan
मूल गायिका -सुमन कल्यानपुर
यूँ ही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना

हमें भी नहीं इल्म, हम जिस पे रोए
वो बीती रुतें हैं के आता ज़माना

ग़म-ए-दिल है और ग़म-ए-ज़िंदगी भी
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना

कोई किसपे तड़पे, कोई किसपे रोए
इधर दिल जला है, उधर आशियाना 
 
यूँ ही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
Presenting Cover  by Alpana
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Jul 6, 2011

'वो तेरे प्यार का ग़म'


वो तेरे प्यार का ग़म
 My Love [१९७०]
गीतकार-आनंद बक्षी
फिल्म के लिए इसे मुकेश जी  ने शशि कपूर के लिए गाया था

इस लोकप्रिय यादगार गीत के संगीतकार दान सिंह जी  थे.जिन का  हाल ही में  १८ जून  २०११ को जयपुर शहर में एक लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था .
वे ७८ वर्ष के थे.हिंदी फिल्मो में कई मधुर गीतों का संगीत देने वाले दान सिंह जी बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे .वे एक लंबे समय तक गुमनामी में ही रहे .उनकी अंतिम फिल्म 'भोभर' थी जिस में उन्होंने संगीत दिया था.
उन्हीं का संगीतबद्ध किया गीत 'वो तेरे प्यार का ग़म 'मैं अपने स्वर में उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप प्रस्तुत कर रही हूँ .
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वो तेरे प्यार का ग़म ,इक बहाना था सनम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया

१-ये ना होता तो कोई दूसरा गम होना था
मैं तो वो हूँ जिसे हर हाल में बस रोना था
मुस्कराता भी अगर तो छलक जाती नज़र
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया...

२-वरना क्या बात है तू कोई सितमगर तो नहीं
तेरे सीने भी दिल है कोई पत्थर तो नहीं
तूने ढाया है सितम तो यही समझेंगे हम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया...
वो तेरे प्यार का ग़म.........
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Jul 5, 2011

रहते थे कभी जिनके दिल में[केवल स्वर]



रहते थे कभी जिनके दिल में
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फिल्म-ममता
संगीत  -रोशन
गीतकार-मजरूह सुल्तानपुरी
अभिनत्री -सुचित्रा सेन
रहते थे कभी जिनके दिल में
हम जान से भी प्यारों की तरह
बैठे हैं उन्ही के कूचे में
हम आज गुनहगारों की तरह

दावा था जिन्हें हमदर्दी का
खुद आके न पूछा हाल कभी
महफ़िल में बुलाया है हम पे
हँसने को सितमगारों की तरह

बरसों से सुलगते तन मन पर
अश्कों के तो छींटे दे ना सके
तपते हुए दिल के ज़ख्मों पर
बरसे भी तो अंगारों की तरह

सौ रुप धरे जीने के लिये
बैठे हैं हज़ारों ज़हर पिये
ठोकर ना लगाना हम खुद हैं
गिरती हुई दीवारों की तरह 

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यह  ग़ज़ल जो मुझे बहुत पसंद है.
यह  उन कुछ गीतों में से एक है जो मुझ से स्कूल के दिनों में मेरी सहेलियां अक्सर सुनती थीं.
..बिना संगीत ..सिर्फ स्वर...

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Jul 2, 2011

ओ पालनहारे-एक प्रार्थना



'ओ पालनहारे निरगुन और न्यारे ,तुम्हारे बिन हमरा कौनु नाहीं,
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन,तुम्हारे बिन हमरा कौनु नाहीं '



संगीत --ए .आर.रहमान
गीत----जावेद अख्तर
गीत आमिर खान और Gracy Singh पर फिल्माया गया था.

फिल्म -लगान
मूल गायक---लता मंगेशकर और उदित नारायण
यहाँ प्रस्तुत गीत में स्वर -श्री राजा पाहवा और अल्पना के हैं.
Mr.Raja Pahwa is from Delhi [India].

This song is completed thru Emails.
Chorus in this song was with the track itself.


Thanks Raja for completing this song.



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