Jan 3, 2014

तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में..


फिल्म-आप तो ऐसे न थे
गीत-निदा फ़ाज़ली
संगीत-उषा खन्ना
मूल गायिका-हेमलता
प्रस्तुत-कवर संस्करण

गीत के बोल-
तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है ,
जहाँ भी जाऊं ये लगता है तेरी महफ़िल है.

१-ये आसमान ये बादल ये रास्ते ये हवा ,
हरेक चीज़ है अपनी जगह ठिकाने पे ,
कई दिनों से शिकायत नहीं ज़माने से,
ये जिंदगी है सफ़र तू सफ़र की मंजिल है,
जहाँ भी जाऊं ये लगता है तेरी महफ़िल है,

२-हरेक फूल किसी याद सा महकता है-2
तेरे ख्याल से जागी हुई. फिजायें हैं ,
ये सब्ज़ पेड़ हैं या .प्यार की. दुआएं हैं,
तू पास हो के नहीं फिर भी तू मुकाबिल है,
जहाँ भी जाऊं ये लगता है तेरी महफ़िल है

३-हरेक शै है मोहब्बत के नूर से रोशन -२
ये रोशनी जो न हो ,जिंदगी अधूरी है,
राहे वफ़ा में कोई हमसफ़र ज़रूरी है.
ये रास्ता कहीं तनहा कटे तो मुश्किल है,
जहाँ भी जाऊं ये लगता है तेरी महफ़िल है ..

स्वर  - अल्पना 
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Jan 1, 2014

अखियों के झरोखों से...


फिल्म-अखियों के झरोखों से
संगीत और गीत-रविन्द्र जैन
मूल गायिका -हेमलता

गीत के बोल-
अखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांव रे
तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए
बंद करके झारोंखो को, ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्ही मुस्काए, बस तुम्ही मुस्काए
अखियों के झरोखों से…

1-इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है
पाकर तुझे हाय मुझे कुछ होने लगा है
इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
यूँही उम्र गुज़र जाए, तेरे साथ गुज़र जाए

2-जीती हूँ तुम्हें देख के, मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनिया है वहीं पे
दिन रात दुआ माँगे मेरा मन तेरे वास्ते
कहीं अपनी उम्मीदों का कोई फूल न मुरझाए
अखियों के झरोखों से…

3-मैं जब से तेरे प्यार के रंगों में रंगी हूँ
जगते हुए सोई रही नींदों में जगी हूँ
मेरे प्यार भरे सपने कहीं कोई न छीन ले
मन सोच के घबराए, यही सोच के घबराए
अखियों के झरोखों से…
 In audio version these 2stanzas are not included-:
4-कुछ बोल के खामोशियाँ तड़पाने लगी हैं
चुप रहने से मजबूरियाँ याद आने लगी हैं
तू भी मेरी तरह हँस ले, आँसू पलकों पे थाम ले,
जितनी है ख़ुशी यह भी अश्कों में ना बह जाए
अखियों के झरोखों से…

5-कलियाँ ये सदा प्यार की मुसकाती रहेंगी
खामोशियाँ तुझसे मेरे अफ़साने कहेंगी
जी लूँगी नया जीवन तेरी यादों में बैठके
खुशबु जैसे फूलों में उड़ने से भी रह जाए
अखियों के झरोखों से…

यह गीत प्रकाश गोविन्द जी के सुझाव पर गाया है और इसे गाना मेरे लिए आसान बिलकुल  नहीं था.फिर भी
एक प्रयास किया है.इसे हेमलता जी का सिग्नेचर गीत कहें तो गलत नहीं होगा.
प्रस्तुति-कवर संस्करण -स्वर-अल्पना



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Wish you all a very happy new year 2014!