Dec 25, 2013

रूठे हो तुम तुमको कैसे मनाऊं ...

रूठे हो तुम ...
नय्यारा नूर 

पाकिस्तानी फिल्म-आईना
मूल गायिका-नय्यारा नूर
संगीत -रोबिन घोष

गीत -
रूठे ही तुम तुमको  कैसे मनाऊं पिया,
बोलो न बोलो न ,
खुश्बू बन के आऊं,साँसों में बस जाऊं ,
कैसे तुमको मनाऊं ....



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Dec 23, 2013

हे रोम-रोम में बसने वाले राम


फिल्म  : नीलकमल  [1968]
गीतकार : साहिर लुधियानवी,
संगीतकार : रवि ,
मूल गायिका : आशा भोसले,

गीत-
हे रोम रोम में बसने वाले राम
जगत के स्वामी, हे अंतर्यामी, मैं तुझ से क्या माँगू

१-आस का बंधन तोड़ चूकी हूँ
तुझ पर सब कुछ छोड़ चूकी हूँ
नाथ मेरे मैं क्यो कुछ सोचूँ, तू जाने तेरा काम
जगत के स्वामी ....

२-तेरे चरण की धूल जो पाये
वो कंकर हीरा हो जाये
भाग मेरे जो मैने पाया, इन चरणों में धाम.
जगत के स्वामी ....

३-भेद तेरा कोई क्या पहचाने
जो तुझ सा हो, वो तुझे जाने
तेरे किये को हम क्या देवे, भले बुरे का नाम.

हे रोम रोम में बसने वाले राम ....

प्रस्तुति -कवर संस्करण -स्वर-  अल्पना
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Dec 16, 2013

नज़र आती नहीं मंजिल और मेरे महबूब ...


चंद्रानी मुख़र्जी के बारे में पढ़ते हुए उनके गीतों को सुना ..कई साल बाद फिर से उनकी आवाज़  मे मधुर गीतों को सुनकर खुद भी गुनगुनाने का दिल हुआ और उनके गाये दो बहुत ही लोकप्रिय गीत मैं यहाँ पोस्ट कर रही हूँ ये दोनों बिना संगीत हैं..


केवल स्वर

१-मेरे महबूब शायद आज कुछ .....
फिल्म-कितनी दूर कितनी पास [१९७६]
गीत और संगीत -रविन्द्र जैन
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२- नज़र आती नहीं मंजिल
फिल्म -कांच और हीरा [१९७२]
गीत और संगीत -रविन्द्र जैन

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