Dec 30, 2009

33-ऐ मालिक तेरे बंदे हम


[Lata Mangeshkar]
फ़िल्म - दो ऑंखें बारह हाथ (१९५७)
मूल गायिका - लता मंगेशकर
संगीतकार - वसंत देसाई
गीतकार -भरत व्यास
[यहाँ प्रस्तुत गीत  मेरे स्वर में है. ]

ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हों हमारे करम,
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकि हँसते हुए निकले दम।
1-ये अँधेरा घना छा रहा, तेरा इंसान घबरा रहा,
हो रहा बेखबर, कुछ-ना आता नज़र, सुख का सूरज छुपा जा रहा।
है तेरी रोशनी में जो दम, तू अमावस को कर दे पूनम्,
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकि हँसते हुए निकले दम।

2-जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना,
वो बुराई करें, हम भलाई करें, नहीं बदले की हो कामना।
बढ उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का ये भरम,
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकि हँसते हुए निकले दम।

'आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएँ'

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Dec 29, 2009

32-रायपुर का एक लोकगीत


यह गीत एक फिल्म में प्रयोग किया गया था.
इसे फिल्म के लिए रेखा भारद्वाज ने गाया था .

मैं यहाँ इस गीत का कवर वर्षन प्रस्तुत कर रही हूँ.[स्वर मेरा है]

इस लोकगीत का अगर मूल गीत किसी के पास हो तो kripya मुझे Email कर दें.




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Dec 23, 2009

31-अगर बेवफा तुझको


'अगर बेवफा तुझको पहचान जाते'
फिल्म-Raat ke andhere mein'संगीतकार & गीतकार--- प्रेम धवन

अगर बेवफा तुझको पहचान जाते ,खुदा की कसम हम मोहब्बत ना करते
जो मालूम होता ये अंज़ामे उलफत तो दिल को लगाने की जुररत ना करते.

१-जिसे फूल समझा वही खार निकला,तेरी तरह झूठा तेरा प्यार निकला,
जो उठ जाते पहले ही आँखों से पर्दे भूल से भी हम तो उलफत ना करते .

२-मेरा दिल था शीशा हुआ चूर ऐसा,की अब लाख जोड़ो तो जुड़ ना सकेगा ,
तू पत्थर का बुत है पता गर होता तो दिल टूटने की शिकायत ना करते..

फिल्म मे यही गीत रफ़ी साहब ने भी गाया था उसके बोल अलग हैं,

यह क़राओके ट्रेक रफ़ी साहब के गीत का है लेकिन मैं ने गीत के बोल लता जी के गाने के लिए हैं.
फिल्म में इसे सोनिया साहनी पर फिल्माया गया है.

यहाँ सुनीए मेरी आवाज़ में यह गीत-
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Dec 9, 2009

30-रात और दिन दिया जले


Film-रात और दिन [1968]
Music director-Shankar Jaikishan
Lyrics-Shailendra
Original Singer-Lata[picturised on Nargis]
'रात और दिन दिया जले ,मेरे मन में फिर भी अंधियारा है,
जाने कहाँ है वो साथी ,तू जो मिले जीवन उजीयारा है'
खुद नहीं जानू ढूँढे किस को नज़र, कौन दिशा है मेरे मन की डगर,
कितना अजब है दिल का सफ़र ,नदिया में आए जाए जैसे लहर!'
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