फिल्म -तीसरी मंज़िल [1966]
गीतकार -मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार-आर.डी.बर्मन
मूल गायक-मो रफ़ी और आशा भोसले
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प्रस्तुत गीत में स्वर -Safeer Ahmad & Alpana Verma
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MP3 Download & Play here
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O mere sona re-Song-Lyrics
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ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे
दे दूँगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे...
1.ओ मेरी बाँहों से निकल के
तू अगर मेरे रस्ते से हट जाएगा
तो लहराके, हो बलखाके
मेरा साया तेरे तन से लिपट जाएगा
तुम छुड़ाओ लाख दामां
छोड़ते हैं कब ये अरमां
कि मैं भी साथ रहूँगी, रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे...
2.ओ मियाँ हमसे न छिपाओ
वो बनावट की सारी अदाएँ लिये
कि तुम इसपे हो इतराते
कि मैं पीछे हूँ सौ इल्तिज़ाएँ लिये
जी मैं खुश हूँ, मेरे सोना
झूठ है क्या, सच कहो ना
कि मैं भी साथ रहूँगी, रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे...
3.ओ फिर हमसे न उलझना
नहीं लट और उलझन में पड़ जाएगी
ओ पछताओगी कुछ ऐसे
कि ये सुर्खी लबों की उतर जाएगी
ये सज़ा तुम भूल न जाना
प्यार को ठोकर मत लगाना
के चला जाऊंगा फिर मैं न जाने कहाँ
ओ मेरे सोना रे...
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गीतकार -मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार-आर.डी.बर्मन
मूल गायक-मो रफ़ी और आशा भोसले
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प्रस्तुत गीत में स्वर -Safeer Ahmad & Alpana Verma
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O mere sona re-Song-Lyrics
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ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे
दे दूँगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे...
1.ओ मेरी बाँहों से निकल के
तू अगर मेरे रस्ते से हट जाएगा
तो लहराके, हो बलखाके
मेरा साया तेरे तन से लिपट जाएगा
तुम छुड़ाओ लाख दामां
छोड़ते हैं कब ये अरमां
कि मैं भी साथ रहूँगी, रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे...
2.ओ मियाँ हमसे न छिपाओ
वो बनावट की सारी अदाएँ लिये
कि तुम इसपे हो इतराते
कि मैं पीछे हूँ सौ इल्तिज़ाएँ लिये
जी मैं खुश हूँ, मेरे सोना
झूठ है क्या, सच कहो ना
कि मैं भी साथ रहूँगी, रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे...
3.ओ फिर हमसे न उलझना
नहीं लट और उलझन में पड़ जाएगी
ओ पछताओगी कुछ ऐसे
कि ये सुर्खी लबों की उतर जाएगी
ये सज़ा तुम भूल न जाना
प्यार को ठोकर मत लगाना
के चला जाऊंगा फिर मैं न जाने कहाँ
ओ मेरे सोना रे...
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