Aug 21, 2016

कदम्ब का पेड़ [कविता ]

कविता पाठ -


स्वर : अल्पना वर्मा
------------------------
कदम्ब का पेड़ [कविता] -:
---------------------------
                        -सुभद्रा कुमारी चौहान

यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे।
मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे।।

ले देतीं यदि मुझे बाँसुरी  तुम दो पैसे वाली।
किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली।।

तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता।
उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता।।

वहीं बैठ फिर बड़े मजे से मैं बाँसुरी  बजाता।
अम्मा-अम्मा कह वंशी के स्वर में तुम्हें बुलाता।।

सुन मेरी बंसी को माँ तुम इतनी खुश हो जाती।
मुझे देखने काम छोड़ कर तुम बाहर तक आती।।

तुमको आता देख बाँसुरी  रख मैं चुप हो जाता।
पत्तों में छिपकर धीरे से फिर बाँसुरी बजाता।।

गुस्सा होकर मुझे डांटती  , कहती "नीचे आजा"।
पर जब मैं ना उतरता,हँसकर कहती "मुन्ना राजा"।।

"नीचे उतरो मेरे भैया तुम्हें मिठाई दूँगी।
नए खिलौने, माखन-मिसरी, दूध मलाई दूँगी "।।

मैं हँसकर सबसे ऊपर की टहनी पर चढ़  जाता।
एक बार माँ कह  पत्तों में वहीँ कहीं छुप जाता ।।

बहुत बुलाने पर भी माँ जब नहीं उतर कर आता।
माँ, तब माँ का हृदय तुम्हारा बहुत विकल हो जाता।।

तुम आँचल फैला कर अम्मा वहीं पेड़ के नीचे।
ईश्वर से कुछ विनती करतीं बैठी आँखें मीचे।।

तुम्हें ध्यान में लगी देख मैं धीरे-धीरे आता।
और तुम्हारे फैले आँचल के नीचे छिप जाता।।

तुम घबरा कर आँख खोलतीं, पर माँ खुश हो जाती।
जब अपने मुन्ना राजा को गोदी में ही पातीं।।

इसी तरह कुछ खेला करते हम-तुम धीरे-धीरे।
माँ  कदंब का पेड़ अगर यह  होता यमुना तीरे।।

--सुभद्रा कुमारी चौहान

Aug 19, 2016

आ आ भी जा -फिल्म : तीसरी क़सम

फिल्म-तीसरी क़सम
मूल गायिका -लता मंगेशकर
संगीतकार-शंकर जयकिशन
गीतकार -शैलन्द्र
अभिनेत्री-वहीदा रहमान
प्रस्तुति कवर संस्करण -अल्पना

गीत के बोल [lyrics]
------------------------
रहेगा इश्क़ तेरा ख़ाक में मिलाके मुझे
हुए हैं इब्तिदा में रंज इन्तिहा के मुझे
आ आ भी जा
रात ढलने लगी, चाँद छुपने चला
आ आ भी जा

१.तेरी याद में बेख़बर, शमा की तरह रातभर
जली आरज़ू दिल जला
आ आ भी जा …

2.उफ़क़ पर खड़ी है सहर, अँधेरा है दिल में इधर
वही रोज़ का सिलसिला
आ आ भी जा …

3.सितारों ने मुँह फेरकर, कहा अलविदा हमसफ़र
चला कारवाँ फिर चला
आ आ भी जा …


==================
Vocals-Alpana
------------------------------
==================
Mp3 download or play
==================

चेतक की वीरता -कविता पाठ

यह कविता हिंदी कवि श्याम सुन्दर सह्रमा जी की लिखी हुई है,एक प्रयास है अपने स्वर में इसे प्रस्तुत करने का..

================

Aug 18, 2016

लूटे कोई मन का नगर -फिल्म: अभिमान


फिल्म : अभिमान
गायक- लता मंगेशकर, मनहर
संगीतकारः एस. डी. बर्मन
गीतकारः मज़रूह सुल्तानपुरी
प्रस्तुति : अल्पना वर्मा और संतोष

गीत के बोल 

लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

कौन है वो अपनों में कभी ऐसा कहीं होता हाई
ये तो बड़ा धोखा है
लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी
१.यहीं पे कहीं है मेरे मन का चोर
नज़र पड़े तो बैयाँ दूँ मरोड़ - 2
जाने दो जैसे तुम प्यारे हो
वो भी मुझे प्यारा है जीना का सहारा है

देखोजी तुम्हारी यही बतियां मुझको हैं तडपाती
लूटे कोई मन का नगर बनके मेरा साथी

2.रोग मेरे जी का मेरे दिल का चैन
साँवला सा मुखड़ा उस पे काले नैन -2
ऐसे को रोके अब कौन भला
दिल से जो प्यारी है सजना हमारी है
कहा  करूँ मैं बिन उसके रह भी नहीं पाती
लूटे कोई मन का नगर बनके मेरा साथी
लूटे कोई मन का....

Cover Sung by Alpana Verma & Santosh Soni
Download MP3 or Play
==========================
===================

Aug 17, 2016

अभी न जाओ छोड़कर -फिल्म: हम दोनों

फिल्म : हम दोनों (1961)
संगीतकार : जयदेव
गीतकार : साहिर लुधियानवी
मूल गायक : मो.रफ़ी, आशा भोसले
 गीत के बोल /lyrics

प्रस्तुत गीत में स्वर -ताहे नाना और अल्पना वर्मा

अभी ना जाओ छोड़कर, के दिल अभी भरा नहीं

१.अभी-अभी तो आई हो, अभी-अभी तो
अभी-अभी तो आई हो, बहार बन के छाई हो
हवा ज़रा महक तो ले, नज़र ज़रा बहक तो ले
ये शाम ढल तो ले ज़रा, ये दिल सम्भल तो ले ज़रा
मैं थोड़ी देर जी तो लूँ, नशे के घूँट पी तो लूँ
अभी तो कुछ कहा नहीं, अभी तो कुछ सुना नहीं
अभी ना जाओ छोड़कर...

2.सितारे झिलमिला उठे, चराग़ जगमगा उठे
बस अब न मुझको टोकना, न बढ़ के राह रोकना
अगर मैं रुक गई अभी, तो जा न पाऊँगी कभी
यही कहोगे तुम सदा, के दिल अभी नहीं भरा
जो खत्म हो किसी जगह, ये ऐसा सिलसिला नहीं
अभी नहीं, अभी नहीं, नहीं नहीं नहीं नहीं
अभी ना जाओ छोड़कर...

3.अधूरी आस छोड़ के, अधूरी प्यास छोड़ के
जो रोज़ यूँ ही जाओगी, तो किस तरह निभाओगी
कि ज़िंदगी की राह में, जवाँ दिलों की चाह में
कई मक़ाम आएंगे, जो हमको आज़माएंगे
बुरा न मानो बात का, ये प्यार है गिला नहीं
हाँ, यही कहोगे तुम सदा, के दिल अभी भरा नहीं
हाँ, दिल अभी भरा नहीं, नहीं नहीं नहीं नहीं
Mr Tahy Nana is an international fame Arabic singer,a fan of Rafi Sb.
I got his vocals with tracks and was asked to complete.
Thanks Tahy ji for selecting such a beautiful duet,
Cover singers-Tahy Nana & Alpana Verma



Download MP3 or Play
===================
===============
=============

Aug 16, 2016

रात के हमसफ़र थक के ...

गीत-रात के हमसफ़र थक के...



फिल्म -एन इवनिंग इन पेरिस
संगीत -शंकर -जयकिशन
गीतकार -शैलेन्द्र
मूल गायकी-रफ़ी -आशा
प्रस्तुत कवर गायक- सफीर और  अल्पना

गीत के बोल  Song lyrics
रात के हमसफ़र, थक के घर को चले
झूमती आ रही, है सुबह प्यार की
देख कर सामने रूप की रौशनी
फिर लुटी  जा रही, है सुबह प्यार की

१.सोने वालों को हँस कर जगाना भी है
रात के जागतों को सुलाना भी है
देती हैं जागने की सदा साथ ही
लोरियाँगा रही है, सुबह प्यार की

2.रात ने प्यार के जाम, भर कर दिए
आँखों आँखों से जो मैंने तुमने पिए
होश तो अब तलक जा के लौटे नहीं
और क्या ला रही है, सुबह प्यार की

क्या क्या वादे हुए, किसने खाई कसम
इस नयी राह पर, हम ने रखे कदम
छुप  सका प्यार कब, हम छुपाये तो क्या
सब समझ पा रही है, सुबह प्यार की
रात के ......
 cover singers-Safeer & Alpana
Download MP3 here or Play
===========================

===========================

Aug 14, 2016

खूब लड़ी मर्दानी ....झाँसी की रानी कविता -

झाँसी  की रानी -कविता पाठ
===================
-[सुभद्रा कुमारी चौहान जी की लिखी ]


Kavita Paath: Alpana Verma


सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी,
लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,
नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,
बरछी ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।
वीर शिवाजी की गाथायें उसकी याद ज़बानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।


लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,
देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,
नकली युद्ध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,
सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवार।
महाराष्टर-कुल-देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।


हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में,
ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में,
राजमहल में बजी बधाई खुशियाँ छाई झाँसी में,
चित्रा ने अर्जुन को पाया, शिव से मिली भवानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजियाली छाई,
किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई,
तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई,
रानी विधवा हुई, हाय! विधि को भी नहीं दया आई।
निसंतान मरे राजाजी रानी शोक-समानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

बुझा दीप झाँसी का तब डलहौज़ी मन में हरषाया,
राज्य हड़प करने का उसने यह अच्छा अवसर पाया,
फ़ौरन फौजें भेज दुर्ग पर अपना झंडा फहराया,
लावारिस का वारिस बनकर ब्रिटिश राज्य झाँसी आया।
अश्रुपूर्णा रानी ने देखा झाँसी हुई बिरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

अनुनय विनय नहीं सुनती है, विकट शासकों की माया,
व्यापारी बन दया चाहता था जब यह भारत आया,
डलहौज़ी ने पैर पसारे, अब तो पलट गई काया,
राजाओं नव्वाबों को भी उसने पैरों ठुकराया।
रानी दासी बनी, बनी यह दासी अब महरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

छिनी राजधानी दिल्ली की, लखनऊ छीना बातों-बात,
कैद पेशवा था बिठुर में, हुआ नागपुर का भी घात,
उदैपुर, तंजौर, सतारा, करनाटक की कौन बिसात
जबकि सिंध, पंजाब ब्रह्म पर अभी हुआ था वज्र-निपात।
बंगाले, मद्रास आदि की भी तो वही कहानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

रानी रोयीं रिनवासों में, बेगम ग़म से थीं बेज़ार,
उनके गहने कपड़े बिकते थे कलकत्ते के बाज़ार,
सरे आम नीलाम छापते थे अंग्रेज़ों के अखबार,
'नागपूर के ज़ेवर ले लो लखनऊ के लो नौलख हार'।
यों परदे की इज़्ज़त परदेशी के हाथ बिकानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

कुटियों में भी विषम वेदना, महलों में आहत अपमान,
वीर सैनिकों के मन में था अपने पुरखों का अभिमान,
नाना धुंधूपंत पेशवा जुटा रहा था सब सामान,
बहिन छबीली ने रण-चण्डी का कर दिया प्रकट आहवान।
हुआ यज्ञ प्रारम्भ उन्हें तो सोई ज्योति जगानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

महलों ने दी आग, झोंपड़ी ने ज्वाला सुलगाई थी,
यह स्वतंत्रता की चिनगारी अंतरतम से आई थी,
झाँसी चेती, दिल्ली चेती, लखनऊ लपटें छाई थी,
मेरठ, कानपूर, पटना ने भारी धूम मचाई थी,
जबलपूर, कोल्हापूर में भी कुछ हलचल उकसानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

इस स्वतंत्रता महायज्ञ में कई वीरवर आए काम,
नाना धुंधूपंत, ताँतिया, चतुर अज़ीमुल्ला सरनाम,
अहमदशाह मौलवी, ठाकुर कुँवरसिंह सैनिक अभिराम,
भारत के इतिहास गगन में अमर रहेंगे जिनके नाम।
लेकिन आज जुर्म कहलाती उनकी जो कुरबानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

इनकी गाथा छोड़, चले हम झाँसी के मैदानों में,
जहाँ खड़ी है लक्ष्मीबाई मर्द बनी मर्दानों में,
लेफ्टिनेंट वाकर आ पहुँचा, आगे बड़ा जवानों में,
रानी ने तलवार खींच ली, हुया द्वन्द्ध असमानों में।
ज़ख्मी होकर वाकर भागा, उसे अजब हैरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

रानी बढ़ी कालपी आई, कर सौ मील निरंतर पार,
घोड़ा थक कर गिरा भूमि पर गया स्वर्ग तत्काल सिधार,
यमुना तट पर अंग्रेज़ों ने फिर खाई रानी से हार,
विजयी रानी आगे चल दी, किया ग्वालियर पर अधिकार।
अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी रजधानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

विजय मिली, पर अंग्रेज़ों की फिर सेना घिर आई थी,
अबके जनरल स्मिथ सम्मुख था, उसने मुहँ की खाई थी,
काना और मंदरा सखियाँ रानी के संग आई थी,
युद्ध श्रेत्र में उन दोनों ने भारी मार मचाई थी।
पर पीछे ह्यूरोज़ आ गया, हाय! घिरी अब रानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार,
किन्तु सामने नाला आया, था वह संकट विषम अपार,
घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये अवार,
रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार।
घायल होकर गिरी सिंहनी उसे वीर गति पानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

रानी गई सिधार चिता अब उसकी दिव्य सवारी थी,
मिला तेज से तेज, तेज की वह सच्ची अधिकारी थी,
अभी उम्र कुल तेइस की थी, मनुज नहीं अवतारी थी,
हमको जीवित करने आयी बन स्वतंत्रता-नारी थी,
दिखा गई पथ, सिखा गई हमको जो सीख सिखानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी,
यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनासी,
होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फाँसी,
हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी।
तेरा स्मारक तू ही होगी, तू खुद अमिट निशानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
-सुभद्रा कुमारी चौहान
Mp3 Play

Aug 10, 2016

देशभक्ति समूह गीत -patriotic group song


प्रस्तुत है एक  देशभक्ति समूह गीत जिसे मैंने छात्राओं से  एक प्रतियोगिता हेतु तैयार करवाया था -


गीत-

कोटि कोटि कंठों ने गाया माँ का गौरव गान है
एक रहें हैं एक रहेंगे भारत की संतान हैं

आशा है आपको पसंद आएगा.
[गीत के पूरे बोल जल्द ही लिखूँगी]..अभी सिर्फ गीत सुनिये...

Aug 9, 2016

हो गई है पीर -ग़ज़ल

गैर फ़िल्मी ग़ज़ल ..

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।
- दुष्यन्त कुमार
Voice: Alpana Verma


=============================== =========
=======================================
कविता पाठ-अल्पना वर्मा
=======================================

Aug 4, 2016

तुझे देखा तो ये ...

फिल्म- दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे
संगीत-जतिन-ललित
गीतकार-आनंद बक्षी
मूल गायक -लता जी और कुमार सानू
प्रस्तुत गीत में स्वर-संतोष सोनी और अल्पना

गीत के बोल -

तुझे देखा तो ये जाना सनम
प्यार होता है दीवाना सनम
अब यहाँ से कहाँ जाएँ हम
तेरी बाँहों में मर जाएँ हम
तुझे देखा तो ये जाना सनम...

आँखें मेरी, सपने तेरे
दिल मेरा, यादें तेरी
हो मेरा है क्या, सब कुछ तेरा
जाँ तेरी, साँसें तेरी
मेरी आँखों में आँसू तेरे आ गए
मुस्कुराने लगे सारे ग़म
तुझे देखा तो ये जाना सनम...

ये दिल कहीं, लगता नहीं
क्या कहूँ, मैं क्या करूँ
हाँ, तु सामने, बैठी रहे
मैं तुझे देखा करूँ
तूने आवाज़ दी, देख मैं आ गई
प्यार से है बड़ी क्या क़सम
तुझे देखा तो ये जाना सनम...
Mp3 Download Here

Voices in this song-Santosh Soni &Alpana Verma
============================================

Aug 2, 2016

परबत के इस पार :फिल्म-सरगम

गीत-परबत के इस पार...
गीतकार-आनंद  बक्षी
संगीतकार-लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल
मूल गायक-लता और रफ़ी
प्रस्तुत है इस गीत का कवर संस्करण

गीत के बोल-

पर्वत के इस पार पर्वत के उस पार
गूँज उठी छम-छम छम-छम
गूँज उठी छम-छम छम मेरी पायल की झंकार


१.मुख पे पड़ी थी कब से चुप की इक ज़ंजीर
मंदिर में चुप-चाप खड़ी थी मैं बनके तस्वीर
आ चल गा मैं साथ हूँ तेरे
छेड़ दिए हैं सरस्वती देवी ने तार-सितार
पर्वत के इस पार …

2.ग़म इक चिट्ठी जिसमें ख़ुशियों का सन्देश
गीत तभी मन से उठता है जब लगती है ठेस
आ चल गा मैं साथ हूँ तेरे
लय न टूटे ताल न टूटे छूटे ये संसार
पर्वत के इस पार …

3.फूल बने हैं घुँघरू घुँघरू बन गए फूल
टूट के पाँव में सब कलियाँ बिछ गईं बनकर धूल
ता थैया ता ता थैया
देखो झूम के नाच उठी है
मेरे अंग अंग मस्त बहार
पर्वत के इस पार …

प्रस्तुत गीत में स्वर -सफीर अहमद और अल्पना वर्मा
Cover by Safeer & Alpana

Download Mp3 here
======================================== ==================================

Aug 1, 2016

ढ़लती जाए रात -युगल गीत

गीत -ढ़लती जाए रात
फिल्म-रज़िया सुल्तान
मूल गायक -मो. रफ़ी और आशा भोसले
गीतकार -आनंद बक्षी
संगीतकार -लच्छीराम



गीत के बोल-

ढ़लती जाए रात कह ले दिल की बात
शम्मा परवाने का न होगा फिर साथ

१.मस्त नज़ारे चाँद सितारे रात के मेहमान हैं ये सारे
उठा जायेगी शब की महफ़िल नूरे सहर के सुनके नकारे
हो न हो दोबारा मुलाकात

2.नींद के बस में खोयी खोयी ,कुल दुनिया है सोयी सोयी
ऐसे में भी जाग रहा है हम तुम जैसा कोई कोई
क्या हसीं है तारों की बारात

3.जो भी निगाहें चार है करता उसपे ज़माना वार है करता
राहे वफा का बनके साथी फिर भी तुम्हें दिल प्यार है करता
बैठा न हो ले के कोई घात ..

ढ़लती  जाए रात ...प्रस्तुत गीत में स्वर -सफ़ीर और अल्पना
===============================
Mp3 डाउनलोड यहाँ कर सकते हैं.

Apr 29, 2016

मेघा ओ रे मेघा

गीत--मेघा ओ रे मेघा
गीत और संगीत :  रविन्द्र जैन
मूल गायिका : हेमलता
कवर गायन : अल्पना वर्मा

मेघा ओ रे मेघा
तू तो जाए देस विदेस
क्यों न लाये उनके आवन का सन्देश
मेघा ओ रे मेघा

१. सूरत सजन की अनदेखी ,मूरत वो कुछ कुछ मन देखी
के  मैं इससे अधिक नहीं कुछ जानती ,बस उनके क़दमों की आहट को पहचानती हूँ ,
वायू ओ री वायू तू तो डोले देश विदेश
क्यू ना लाये पी के मिलन का संदेश
मेघा ओ रे मेघा तू जाये देश विदेश
2.पी के दरस को नैन मिले,दरस मिले तो चैन मिले
है अब अपना मिलन भरोसे  राम के
सुनैयना पी को ना देखा तो,नैना किस काम के
सजना मोरे सजना कित भटके देश विदेश
कहाँ  भेजूं मैं  अपने मन का संदेश
मेघा ओ रे मेघा तू तो जाये देश विदेश...........
Mp3 preview or play or download here

===========================================
=================================

Apr 5, 2016

माये नी माये ...

माये नी माये ...

फिल्म-हम आपके हैं कौन
गीतकार-देव कोहली
संगीत-राम लक्ष्मण
मूल गायिका -लता  मंगेशकर जी
कवर संस्करण -अल्पना वर्मा

गीत के बोल 

माये नी माये मुंडेर पे तेरी, बोल रहा है कागा

जोगन हो गयी तेरी दुलारी, मन जोगी संग लागा I

१.चाँद की तरह चमक रही थी, उस जोगी की काया

मेरे द्वारे आकर उसने प्यार का अलख जगाया

अपने तन पे भस्म रमा के, सारी रैन वो जागा

जोगन हो गयी तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा I

2.मन्नत मांगी थी तूने , इक रोज मैं जाऊँ बियाही

उस जोगी के संग मेरी तू कर दे अब कुड़माई

इन हाथों में लगा दे मेहँदी, बाँध  शगुन का धागा

जोगन हो गयी तेरी दुलारी ,मन जोगी संग लागा I
========================
डाउनलोड या प्ले करें 

=========

Mar 21, 2016

ये नीर कहाँ से बरसे है- स्वर-अल्पना

गीत के बोल-

ये नीर कहाँ से बरसे है ,ये बदरी कहाँ से आई है
ये बदरी कहाँ से आई है......

१. गहरे गहरे नाले गहरा गहरा पानी रे
गहरे गहरे नाले, गहरा पानी रे
गहरे मन की चाह अनजानी रे
जग की भूल-भुलैया में...
कूँज कोई बौराई है...

ये बदरी कहाँ से आई है

2. चीड़ों के संग आहें भर ली
आग चनार की माँग में धर ली
बुझ ना पाये रे,ऐसी अगन लगाई है
ये नीर कहाँ से बरसे है ...

3.पंछी पगले कहाँ घर तेरा रे
भूल न जइयो अपना बसेरा रे
कोयल भूल गई जो घर
वो लौट के फिर कब आई है .....

ये नीर कहाँ से बरसे है...ये बदरी कहाँ से आई है..
गीत सुनिये--- Mp3 Download Or Play here
-------------------------------------


Mar 14, 2016

तेरा मेरा साथ रहे ....फिल्म: सौदागर


फिल्म: सौदागर
गीतकार & संगीतकार : रविन्द्र जैन
मूल गायिका : लता जी

गीत के बोल
-------------
तेरा मेरा साथ रहे हो तेरा मेरा साथ रहे
धूप हो, छाया हो, दिन हो कि रात रहे
तेरा मेरा ...
१.दर्द  की शाम हो या सुख का सवेरा हो
सब गँवारा है मुझे, (साथ बस तेरा हो)-3
जीते जी मर के भी..हाथ में हाथ रहे
तेरा मेरा  साथ रहे -2

2.कोई वादा ना करें, कभी खाये न क़सम,
जब कहें बस ये कहें.. (मिल के बिछडेंगे न हम) -3
सब के होंठों पे, अपनी ही बात रहे
तेरा मेरा  साथ रहे -2

3.बीच हम दोनो के, कोई दीवार न हो
तू कभी मेरे ख़ुदा, (मुझसे बेज़ार न हो) -3
प्यार की प्रीत की यूँ ही बरसात रहे
तेरा मेरा  साथ रहे -.................
Mp3 Preview or Download /Play
प्रस्तुत गीत कवर संस्करण है -स्वर -अल्पना वर्मा
======================


=============================================

Mar 12, 2016

सुन मेरे बंधु रे...







फिल्म-सुजाता [१९६०]
मूल गायक और संगीतकार-सचिन देव बर्मन
गीतकार-मजरूह सुलतानपुरी

गीत के बोल
---------------

सुन मेरे बंधु रे...
सुन मेरे मितवा सुन मेरे साथी रे....

होता तू पीपल मैं होती अमर लता तेरी
तेरे गले माला बनके पड़ी मुस्काती रे....

सुन मेरे साथी रे....

जिया कहे  तू सागर मैं होती तेरी नदिया...

लहर लहर करती अपने पिया से मिल जाती रे,....
सुन मेरे साथी रे....

गीत सुनिये मेरा एक प्रयास ...अल्पना

play or preview here Mp3


====================================
=============================

Feb 27, 2016

आप आये तो खयाल-ए-दिल-ए-नाशाद आया

गीत -आप आये तो ख्याले...
फिल्म  : गुमराह (१९६३)
गीतकार : साहिर लुधियानवी,
संगीत -रवि
मूल गायक : महेंद्र कपूर
कवर गीत प्रस्तुति : अल्पना वर्मा


गीत के बोल 

आप आये तो खयाल-ए-दिल-ए-नाशाद आया
कितने भूले हुये जख्मों का पता याद आया

आपके लब पे कभी अपना भी नाम आया था
शोख नज़रों  से मोहब्बत का सलाम आया था
उम्रभर साथ निभाने का पयाम आया था
आपको देख के वो एहद-ए-वफ़ा याद आया

रूह में जल उठे बुझती हुयी यादों के दिये
कैसे दीवाने थे आपको पाने के लिये
यूँ तो कुछ कम नहीं जो आपने एहसान किये
पर जो मांगे से न पाया वो सिला याद आया

आज वो बात नहीं फिर भी कोई बात तो है
मेरे हिस्से में ये हल्की से मुलाकात तो है
गैर का हो के भी ये हुस्न मेरे साथ तो है
हाय किस वक़्त मुझे कब का गिला याद आया

आप आये तो खयाल-ए-दिल-ए-नाशाद आया
कितने भूले हुये जख्मों का पता याद आया
============================
दिल को छू लेने वाली इस यादगार  ग़ज़ल को यहाँ पेश करते  हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है ,
आशा है आपको भी पसंद आएगी. Mp3 file Preview or Play

Feb 12, 2016

आपके प्यार में हम सँवरने लगे..कवर गीत




फिल्म-राज़
मूल गायिका -अलका याग्निक
कवर प्रस्तुति -अल्पना
गीत 

आपके प्यार में हम सँवरने लगे
देखके आपको हम निखारने लगे
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई

टूटके बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे

आप जो इस तरह से तड़पायेंगे
ऐसे आलम में पागल हो जायेंगे
आप जो इस तरह से तड़पायेंगे
ऐसे आलम में पागल हो जायेंगे
वो मिल गया जिसकी हमें कबसे तलाश थी
बैचैनी इस सांसों में जन्मों की प्यास थी
जिस्मों से रूह में हम उतरने लगे
जिस्मों से रूह में हम उतरने लगे

इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूटके बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम सँवरने लगे

रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जायेगी मन मचल जायेगा
रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जायेगी मन मचल जायेगा

ये लब जरा टकराए जो दिलबर के होंठ से
चिंगारियाँ  उड़ने लगी शबनम की  चोट से
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे

इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
आपके प्यार में हम सँवरने लगे
============================================

=============================================

Feb 8, 2016

ये दिल और उनकी...Cover


फिल्म-प्रेम पर्वत
संगीत -जयदेव
गीतकार-जांनिसार अख्तर
मूल गायिका -लता मंगेशकर

गीत के बोल-
ये दिल और उनकी, निगाहों के साये -
मुझे घेर लेते, हैं बाहों के साये -

पहाड़ों को चंचल, किरन चूमती है -
हवा हर नदी का बदन चूमती है
यहाँ से वहाँ तक, हैं चाहों के साये
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...

लिपटते ये पेड़ों से, बादल घनेरे -
ये पल पल उजाले, ये पल पल अंधेरे
बहुत ठंडे -ठंडे, हैं राहों के साये -
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...

धड़कते हैं दिल कितनी, आज़ादियों से -
बहुत मिलते जुलते, हैं इन वादियों से
मुहब्बत की रंगीं पनाहों के साये -

ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...
---------------------------------



Mp3 download or play


Jan 27, 2016

हिंद देश के निवासी -देशभक्ति गीत -

हिन्द  देश के निवासी









गीतकार- पंडित विनयचन्द्र मौद्गल्य
संगीतकार-बसंत देसाई
गीत-

हिंद देश के निवासी सब जन एक हैं
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं

१.बेला गुलाब जूही चंपा चमेली
प्यारे प्यारे फूल गुंथे
माला में एक हैं

2. कोयल की कूक प्यारी पपीहे की टेर न्यारी
गा रही तराना बुलबुल
राग मगर एक है

3. गंगा - जमुना ब्रहमपुत्र कृष्णा  कावेरी
जाके मिल गयी सागर में
हुई सब एक हैं

हिन्द देश के निवासी सब जन एक हैं
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं .
======================