गीत के बोल-
ये नीर कहाँ से बरसे है ,ये बदरी कहाँ से आई है
ये बदरी कहाँ से आई है......
१. गहरे गहरे नाले गहरा गहरा पानी रे
गहरे गहरे नाले, गहरा पानी रे
गहरे मन की चाह अनजानी रे
जग की भूल-भुलैया में...
कूँज कोई बौराई है...
ये बदरी कहाँ से आई है
2. चीड़ों के संग आहें भर ली
आग चनार की माँग में धर ली
बुझ ना पाये रे,ऐसी अगन लगाई है
ये नीर कहाँ से बरसे है ...
3.पंछी पगले कहाँ घर तेरा रे
भूल न जइयो अपना बसेरा रे
कोयल भूल गई जो घर
वो लौट के फिर कब आई है .....
ये नीर कहाँ से बरसे है...ये बदरी कहाँ से आई है..
गीत सुनिये--- Mp3 Download Or Play here
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ये नीर कहाँ से बरसे है ,ये बदरी कहाँ से आई है
ये बदरी कहाँ से आई है......
१. गहरे गहरे नाले गहरा गहरा पानी रे
गहरे गहरे नाले, गहरा पानी रे
गहरे मन की चाह अनजानी रे
जग की भूल-भुलैया में...
कूँज कोई बौराई है...
ये बदरी कहाँ से आई है
2. चीड़ों के संग आहें भर ली
आग चनार की माँग में धर ली
बुझ ना पाये रे,ऐसी अगन लगाई है
ये नीर कहाँ से बरसे है ...
3.पंछी पगले कहाँ घर तेरा रे
भूल न जइयो अपना बसेरा रे
कोयल भूल गई जो घर
वो लौट के फिर कब आई है .....
ये नीर कहाँ से बरसे है...ये बदरी कहाँ से आई है..
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1 comment:
A heart touching creation of Jaidev ji .. very nicely covered ..
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