Aug 1, 2016

ढ़लती जाए रात -युगल गीत

गीत -ढ़लती जाए रात
फिल्म-रज़िया सुल्तान
मूल गायक -मो. रफ़ी और आशा भोसले
गीतकार -आनंद बक्षी
संगीतकार -लच्छीराम



गीत के बोल-

ढ़लती जाए रात कह ले दिल की बात
शम्मा परवाने का न होगा फिर साथ

१.मस्त नज़ारे चाँद सितारे रात के मेहमान हैं ये सारे
उठा जायेगी शब की महफ़िल नूरे सहर के सुनके नकारे
हो न हो दोबारा मुलाकात

2.नींद के बस में खोयी खोयी ,कुल दुनिया है सोयी सोयी
ऐसे में भी जाग रहा है हम तुम जैसा कोई कोई
क्या हसीं है तारों की बारात

3.जो भी निगाहें चार है करता उसपे ज़माना वार है करता
राहे वफा का बनके साथी फिर भी तुम्हें दिल प्यार है करता
बैठा न हो ले के कोई घात ..

ढ़लती  जाए रात ...प्रस्तुत गीत में स्वर -सफ़ीर और अल्पना
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Mp3 डाउनलोड यहाँ कर सकते हैं.

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