फिल्म-सी.आई.डी. (1956)
संगीतकार : ओ.पी.नैय्यर
गीतकार : जां निसार अख्तर
मूल गायक : मो.रफ़ी और गीता दत्त
Download or play mp3
कवर संस्करण : सफ़ीर और अल्पना
Lyrics-
------------
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में..
1.गाते हो गीत क्यूँ, दिल पे क्यूँ हाथ है
खोए हो किस लिये, ऐसी क्या बात है
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में........
2.चलते हो झूम के, बदली है चाल भी
नैंनों में रंग है, बिखरे हैं बाल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में..............
3.अब ना वो ज़ोर है, अब ना वो शोर है
हमको है सब पता, दिल में क्या चोर है
ये चोर कैसे गंवारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में..........
4.कैसा ये प्यार है, कैसा ये नाज़ है
हम भी तो कुछ सुनें, हमसे क्या राज़ है
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में............
=======================
संगीतकार : ओ.पी.नैय्यर
गीतकार : जां निसार अख्तर
मूल गायक : मो.रफ़ी और गीता दत्त
Download or play mp3
कवर संस्करण : सफ़ीर और अल्पना
Lyrics-
------------
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में..
1.गाते हो गीत क्यूँ, दिल पे क्यूँ हाथ है
खोए हो किस लिये, ऐसी क्या बात है
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में........
2.चलते हो झूम के, बदली है चाल भी
नैंनों में रंग है, बिखरे हैं बाल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में..............
3.अब ना वो ज़ोर है, अब ना वो शोर है
हमको है सब पता, दिल में क्या चोर है
ये चोर कैसे गंवारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में..........
4.कैसा ये प्यार है, कैसा ये नाज़ है
हम भी तो कुछ सुनें, हमसे क्या राज़ है
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में............
=======================
2 comments:
दिनांक 12/01/2017 को...
आप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंद... https://www.halchalwith5links.blogspot.com पर...
आप भी इस प्रस्तुति में....
सादर आमंत्रित हैं...
One of most soothing compositions of OPN .. aapki awaz pe bahot suit kiya .. aur poore gane pe chhayi rahi hain. meri to sirf do lines hi repeat hoti rahi hain :)
Post a Comment