दो पल रुका यादों का कारवाँ
फिल्म--:वीर-ज़ारा
संगीत-मदन मोहन
गीत-जावेद अख़्तर
'दो पल रुका ख़्वाबों का कारवाँ और फिर चल दिये तुम कहाँ हम कहाँ
दो पल की थी ये दिलों की दास्ताँ और फिर चल दिये तुम कहाँ हम कहाँ''
यह दो गाना अपने पी सी पर सितंबर २००८ में रेकॉर्ड किया था जब मैं ट्रेक मिक्सिंग सीख ही रही थी.
कारोआक्े में शुरू में आलाप लता जी की आवाज़ में मूल ट्रेक से ही हैं]
[प्रस्तुत आवाज़ें-राजा पाहवा और मेरी हैं]
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