वो तेरे प्यार का ग़म
My Love [१९७०]
गीतकार-आनंद बक्षी
फिल्म के लिए इसे मुकेश जी ने शशि कपूर के लिए गाया था
इस लोकप्रिय यादगार गीत के संगीतकार दान सिंह जी थे.जिन का हाल ही में १८ जून २०११ को जयपुर शहर में एक लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था .
वे ७८ वर्ष के थे.हिंदी फिल्मो में कई मधुर गीतों का संगीत देने वाले दान सिंह जी बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे .वे एक लंबे समय तक गुमनामी में ही रहे .उनकी अंतिम फिल्म 'भोभर' थी जिस में उन्होंने संगीत दिया था.
उन्हीं का संगीतबद्ध किया गीत 'वो तेरे प्यार का ग़म 'मैं अपने स्वर में उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप प्रस्तुत कर रही हूँ .
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वो तेरे प्यार का ग़म ,इक बहाना था सनम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया
१-ये ना होता तो कोई दूसरा गम होना था
मैं तो वो हूँ जिसे हर हाल में बस रोना था
मुस्कराता भी अगर तो छलक जाती नज़र
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया...
२-वरना क्या बात है तू कोई सितमगर तो नहीं
तेरे सीने भी दिल है कोई पत्थर तो नहीं
तूने ढाया है सितम तो यही समझेंगे हम
अपनी क़िस्मत ही कुछ ऐसी थी कि दिल टूट गया...
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7 comments:
Aapko suntee hun to lagta hai,kaash,maibhee gaa saktee!
सुन्दर गीत,अति सुन्दर गायन.
गजब की मिठास है आपके गायन में.
संगीत भी उम्दा है.
खुशनसीब समझता हूँ जो सुनने का मौका मिला.
बहुत बहुत आभार.
गाने का प्रयास करता हूँ।
आपकी गायकी का अंदाज़ और प्रस्तुति का तरीका बहुत अच्छा लगता है. वो तेरे प्यार का गम मुकेश के अमर गीतों में से एक है. दान सिंह एक प्रतिभाशाली कम्पोजर थे. उन्हें जितनी पहचान मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली. १९९९ में आयी फिल्म बवंडर में उन्हें दोबारा मौका मिला था. इस फिल्म का संगीत भी अच्छा था, लेकिन उस वक्त भी इस उपेक्षित संगीतकार को किसी ने नहीं पूछा और वह गुमनामियों में जीता रहा. आपकी ये प्रस्तुति दान सिंह के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है.
हार्दिक बधाई और आभार
@क्षमा जी दिल करता है तो ज़रूर आप भी गाईये न...
@राकेश जी शुक्रिया .
@प्रवीण जी ट्रेक भेज दिया है..सुनाईयेगा ज़रूर.
@हिमकर जी आप संगीत की बहुत जानकारी रखते हैं .आप से कई नयी बातें मालूम हुईं.आप का इस ब्लॉग पर आना मुझे बहुत अच्छा लगा.
'रहें न रहें हम 'अपनी आवाज़ में ज़रूर पोस्ट करूँगी.
आभार.
वाह बहुत सुंदर
नया प्रयोग
वधाई
दान सिंह को विनम्र श्रद्धांजली!सार्थक.जभी तो कहा जाता है इस ब्लॉग कि पोस्ट को.आपका चयन हमेशा ही खूबसूरत रहा है.
समय हो तो युवतर कवयित्री संध्या की कवितायें. हमज़बान पर पढ़ें.अपनी राय देकर रचनाकार का उत्साह बढ़ाना हरगिज़ न भूलें.
http://hamzabaan.blogspot.com/2011/07/blog-post_06.html
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