Jul 14, 2011
जाने क्या तूने कही
फ़िल्म - प्यासा,
मूलगायिका - गीता दत्त,
संगीत - एस डी बर्मन,
गीत - साहिर लुधियानवी
जाने क्या तूने कही
जाने क्या मैने सुनी
बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...
सनसनाहट सी हुई,थरथराहट सी हुई
जाग उठे ख्वाब कई,बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...
नैन झुक झुक के उठे,पाँव रुक रुक के उठे
आ गयी जान नई,बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ...
ज़ुल्फ़ शाने पे मुड़ी,एक खुशबू सी उड़ी
खुल गये राज़ कई,बात कुछ बन ही गयी
जाने क्या तूने कही ... मेरे स्वर में-
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5 comments:
baat kuch ban hi gai....
लाजवाब! बार-बार सुनने को दिल चाहता हैं.
गीता ने हर गीत को डूबकर गाया और सुननेवालों को मन्त्र मुग्ध कर दिया. किसी ने क्या खूब कहा है गीता गले से नहीं दिल से गातीं थीं.
आपकी गायकी में भी वही बात नजर आती है.
अहा, बहुत भाता है यह गीत।
क्या बात है......बहुत खूब
बाकी मेरे दिल की बात हिमकर जी ने कह ही दी है
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शुभ कामनाएं
अत्यंत सुंदर और काल जयी गीत का चुनाव आपकी आवाज में सुनना बहुत सुखद लगा.
रामराम.
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