Waheeda &Kamaljeet .Actress Nivedita
जगजीत कौर ,संगीतकार खय्याम साहब की धरम पत्नी हैं.और इस गीत को वहीदा जी ख़ुद पर फिल्माना चाहती थी मगर फ़िल्म की कहानी के अनुसार इसे निवेदिता को दिया गया.एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल साहिर जी की लिखी हुई .
फिल्म -शगुन
गीत -साहिर लुधियानवी
संगीतकार -ख़ैयाम
मूल गायिका -जगजीत कौर
तुम अपना रंजोग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो.
ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूं इन निगाहों में,
बुरा क्या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो.
मैं देखूं तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है
कोई दिन के लिए अपनी निगेहबानी मुझे दे दो.
वो दिल जो मैंने मांगा था मगर ग़ैरों ने पाया था
बड़ी शय है अगर उसकी पशेमानी मुझे दे दो.
Cover version-Alpana
Play or Download Mp3 Here
===================
जगजीत कौर ,संगीतकार खय्याम साहब की धरम पत्नी हैं.और इस गीत को वहीदा जी ख़ुद पर फिल्माना चाहती थी मगर फ़िल्म की कहानी के अनुसार इसे निवेदिता को दिया गया.एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल साहिर जी की लिखी हुई .
फिल्म -शगुन
गीत -साहिर लुधियानवी
संगीतकार -ख़ैयाम
मूल गायिका -जगजीत कौर
तुम अपना रंजोग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो.
ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूं इन निगाहों में,
बुरा क्या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो.
मैं देखूं तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है
कोई दिन के लिए अपनी निगेहबानी मुझे दे दो.
वो दिल जो मैंने मांगा था मगर ग़ैरों ने पाया था
बड़ी शय है अगर उसकी पशेमानी मुझे दे दो.
Cover version-Alpana
Play or Download Mp3 Here
===================
21 comments:
आह!! आज कितने दिन बाद ये गाना सुना..आनन्द आ गया...आपका आभार..आपकी आवाज में सुनना निःसंदेह सुखद रहा.
बहुत दिनों बाद सुना यह गाना .और वह भी आपकी आवाज में अच्छा लगा शुक्रिया
आपकी आवाज जैसा कि कल भी मैने यही कहा था कि बहुत ही सुन्दर है आपका आवाज.....इसे ही सही मे रचनात्मक कार्य बोलते है !अतिसुन्दर!
pahli baar aapke is blog par aaya.ynha to jyada sookun he,
sameerji ne jo likha ki bahut din baad ye gaanaa suna..thik yahi mera haal he.sach me bahut dino baad suna..yaa kahu ki ab gaana sunane ka vaqt hi nahi milataa..jeevan me geet sangeet jab dur hone lag jaate he to samajhna chahiye ki aap kanhi khud se door ho rahe he..aapki vajah se khud ko khud ke kareeb paayaa..dhanyvaad.
मुबारक बेगम का गाया गीत 'कभी तनहाइयों में तुम्हारी याद...' और यह गीत मैं एक के बाद दूसरा कर के सुनता हूँ। ...ऐसी कशिश! भई वाह !!
_________________
बहुत लाजवाब गीत और मधुर आवाज में गीत सुंदर बन पडा है.
रामराम.
यह गाना मेरे बहुत ही ज्यादा करीब है ! जगजीत कौर की आवाज बिलकुल अलग ही तरह की है !
इस गाने में साहिर साहब की कलम का जादू सिर चढ़कर बोलता है :
मैं देखूं तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है
कोई दिन के लिए अपनी निगेहबानी मुझे दे दो.
'वाइस मैचिंग' और 'सिंगिंग' के लिहाज से आपने एक बार फिर कमाल किया है !
आपका आभार व शुभ कामनाएं
सुबह सुनते हैं.... यकीं है बेहतरीन ही होगा...
बहुत बेहतरीन ..
आपकी आवाज़ में ये गीत सुहाता है.
स्वर लालित्य सुनाई दे रहा है.
Alpana Ji what a beautiful song and so well rendered by you with all its simplicity and nuance brings it so close to the original version. Dr. Saxena refered to this link and am so glad he approached me to discover a telent like you. This is one of the unique song style that has wooven into my musical thoughts. Very Very nice. Please keep me posted on your other renditions.
Best Regards
Muzaffar Naqvi
Hi Alpana Ji,
Excellent singing from you...in couple month you have improved tremendously!!I thanks to DR.Saheb for sending me this link. This rendition was not less than original song, And pls do keep posted me about your new rendition.. Take care and keep in touch.
Regards,
praveen
Great!
Girish
Hello Alpana Ji,
I was guided to your song by Dr Sahab. Nice song selection.
I checked your solos and must congratulate you for your choice of songs.
Wonderful!
I heard couple of songs too like Dil hoom hoom & Lag ja gale... tough songs but nice attempts. When I heard this one I felt you were far better in singing - good control and nice use of voice. I could feel the remarkable progress that you must have made over a period. Please continue to sing with the same spirit.
It will wonderful to hear more beautiful numbers from you.
Also, wish to thanks Saxena Ji for introducing Alpana ji and her musical efforts.
Best Wishes,
-Vaishali-
Hi Alpanaji
First time listening U...what a singing...First thanks to Sridharji...
and Alpanaji We all Ur friends ...
In this music world we all
WELCLOME U...Keep sharing dear....n keep share n stay in touch...
Regds
Mahendra
Sanjay writes:
Dear Alps,
Excellent rendition. One of the bests of Jagjeet Kaur and one of the bests of yours.
You kept the correct soul of the song with good singing. Enjoyed really.
Does it mean you are back? If this is true, then indeed is is a great comeback.
Sanjay
beautifully sung song .
Alpana ji Keep up the good work .
GOD BLESS YOU.
SP/canada
Dear Alpana ji
I am not finding words to appreciate this one from you...
THIS IS EXTRAORDINARY SINGING...you have virtually matched your vocals to the original in all ways....texture,feel,emotions ,throw, modulations....
I salute you for this gem...and this is a military band salute
[I am sending link of this song to some very knowledgeable people.]
best regards
Dr Sridhar Saxena
bahut hi laazwaab geet aesa laga mere liye ga diya ,aaj meri saheli taklif me hai aur isse behtar gaana aaj mere liye koi nahi ,shukriyaa alpana ji ,isse pahle ka bhi gaana suna ,rahat ka saman hai ...
ek khubsurat ahsaas deti gajal...sun kar achchha laga..
:)
Post a Comment