फ़िल्म-'दिल भी तेरा हम भी तेरे'
मूलगायिका -लता
संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी
गीतकार-शमीम जयपुरी
मुझ को इस रात की तनहाई में आवाज़ न दो
जिसकी आवाज़ रुला दे मुझे वो साज़ न दो
आवाज़ न दो...
मैंने अब तुम से न मिलने की कसम खाई है
क्या खबर तुमको मेरी जान पे बन आई है
मैं बहक जाऊँ कसम खाके तुम ऐसा न करो
आवाज़ न दो...
दिल मेरा डूब गया आस मेरी टूट गई
मेरे हाथों ही से पतवार मेरी छूट गई
अब मैं तूफ़ान में हूँ साहिल से इशारा न करो
आवाज़ न दो...
मुझ को इस रात की तनहाई में आवाज़ न दो
जिसकी आवाज़ रुला दे मुझे वो साज़ न दो
आवाज़ न दो...
Karaoke singer-Alpana
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6 comments:
सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन!!
अल्पना जी
आप तो सागर से मोती ढूढ़ने का काम कर रहीं हैं , बहुत सुन्दर.
रत्नेश त्रिपाठी
वाह.
आवाज़ देकर हमें तुम बुलाओ
मुहब्बत में इतना हमें न तड़पाओ...
जय हिंद...
beautiful....
regards
vah alpnaji
aapne to meri pasand ka geet sunakar
mujhe bhigo diya apni meethi aavaj me bahut aannd aa gya
abhar
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