गाना: तेरे लिये पलकों की झालर बुनु
फ़िल्म-हरजाई
संगीतकार : राहुलदेव बर्मन
गीतकार : निदा फाजली
मूल गायिका -लता
तेरे लिये पलकों की झालर बुनु
कलियों सा गजरे में बांधे फिरूं
धूप लगे जहां तुझे छाया बनूं
आजा साजना, तेरे लिये पलकों की झालर बुनु
कलियों सा गजरे में बांधे फिरूं
धूप लगे जहां तुझे छाया बनूं
आ जा साजना, तेरे लिये पलकों की झालर बुनु
महकी महकी ये रात है, बहकी बहकी हर बात है
लाजो मरूं चूमे जिया, कैसे ये मैं कहूं ,
आजा साजना, महकी महकी ये रात है
बहकी बहकी हर बात है, लाजो मरूं चूमे जिया
कैसे ये मैं कहूं .
आजा साजना, तेरे लिये पलकों की ...
नया नया संसार है, तू ही मेरा घरबार है
जैसा रक्खे खुशी खुशी, वैसे ही मैं रहूं
आजा साजना, नया नया संसार है
तू ही मेरा घरबार है
जैसा रक्खे खुशी खुशी, वैसे ही मैं रहूं
आजा साजना, तेरे लिये पलकों की ...
प्यार मेरातेरी जीत है, सबसे अच्छा मेरा मीत है
तेरे लिये रोऊँ पिया , तेरे लिये ही हँसूं
आजा साजना, -2
आजा साजना, तेरे लिये पलकों की ...
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6 comments:
VAAH AAPKI AAWAAZ KAMAAL KI HAI ........... AUR ये गीत भी बहूत लजवाब है ... सुन RAHA HUN AUR AANAND LE RAHA HUN ............
bahut sunder
khoobsurat geet hai ....mushkil se milta bhi hai .
बहुत खूबसूरत गीत का चुनाव किया है. बहुत सुंदर बन पडा है. शुभकामनाएं.
रामराम.
ye geet hamne pehli bar suna,behad sunder,aur khil gaya aapki mithi aawaz ke saath.
THODA MUSHKIL JARURA HAI YAH GEET MAGAR AAPNE APNAA HAK KHUBSURATI SE RAKHAA HAI ...
ARSH
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