माना जनाब ने पुकारा नहीं
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यह चुलबुला सा गीत फिल्म-पेईंग गेस्ट से है और इस
गीत को लिखा था मजरूह सुल्तानपुरी जी ने और संगीतबद्ध किया सचिन देव बर्मन साहब ने.
आज चार अगस्त को किशोर दा का ८२ वाँ जन्मदिन है इसलिए सोचा
उन्हीं का गाया मस्ती भरा चुलबुला सा गीत गाया जाए..
मूल गीत में तीन अंतरे हैं लेकिन जो ट्रेक मिला उस में २ ही अंतरे के लिए जगह है.
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12 comments:
वाह
कंसौल नही दिखाई दे रहा है, पता नही मेरे ब्राऊजर में गडबड है या क्या? देखियेगा.
रामराम
मस्त, शोख चंचल गीत...
आपने गाया भी अच्छा...
सादर...
@ Taau ji,yahan firefox mei sab theek dikh/chl rahaa hai.
जी धन्यवाद, क्रोम में कुछ गडबड थी, फ़ायरफ़ोक्स में बिल्कुल सही चल रहा है.
बहुत ही सुंदर गाया है आपने, इन पुराने गानों को एक नई आवाज में सुनना बहुत सुंदर लगता है, शुभकामनाएं.
रामराम.
Alpana :)
Wonderfully sung. Loved the dholaki in the track. It gave it a different look. Enjoyed your take!
-Adwait Ranade
Alpana – Always loved your picks !lovely rendition !liked it a lot ! :)
loved your great throw and open throated rendition of this kishoreda classic !!
-Latha
once again,
a lovely and lively presentation !
the beauty of the original version has been well maintained Alpanaji....
congratulations.
मेरा मनपसंद गीत।
मजा आ गया।
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कम्प्यूटर से तेज़...!
सुज्ञ कहे सुविचार के....
har geet man ko chhoo lene wala hai .old is gold ,karnpriya .
वाक़ई ये सदा बहार गीत है. इसकी बात ही कुछ और है :)
Dilip Kawathekar ji said-:
Very different experience.
You have given some masti like expressions in song, which has increased its listening value. you have now proved that you can attempt all genres of Music.
Singing a Male song is also very difficult for Ladies.That too Kishor da……
Again. Once must admire the courage to pick such songs by a lady. You have not only done justice, but shown us a way to expand our wings too in this genre of Music.
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