
[Lata Mangeshkar]
फ़िल्म - दो ऑंखें बारह हाथ (१९५७)
मूल गायिका - लता मंगेशकर
संगीतकार - वसंत देसाई
गीतकार -भरत व्यास
[यहाँ प्रस्तुत गीत मेरे स्वर में है. ]
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हों हमारे करम,
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकि हँसते हुए निकले दम।
1-ये अँधेरा घना छा रहा, तेरा इंसान घबरा रहा,
हो रहा बेखबर, कुछ-ना आता नज़र, सुख का सूरज छुपा जा रहा।
है तेरी रोशनी में जो दम, तू अमावस को कर दे पूनम्,
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकि हँसते हुए निकले दम।
2-जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना,
वो बुराई करें, हम भलाई करें, नहीं बदले की हो कामना।
बढ उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का ये भरम,
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकि हँसते हुए निकले दम।
'आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएँ'
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Waheeda &Kamaljeet 
