फिल्म-आप की कसम
गीतकार-आनंद बक्षी
संगीतकार-राहुल देव बर्मन
मूल गायक -किशोर कुमार
प्रस्तुत गीत में स्वर -अल्पना
गीत के बोल -
ज़िंदगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
1-फूल खिलते हैं,लोग मिलते हैं
मगर पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं
वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग जो सफ़र में बिछड़ जाते हैं
वो हज़ारों के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
2-आँख धोखा है,क्या भरोसा है
सुनो दोस्तों शक़ दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
कल तड़पना पड़े याद में जिनकी
रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हज़ारों सलाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
3-सुबह आती है,शाम जाती है
यूँही वक़्त चलता ही रहता है रुकता नहीं
एक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं
और परदे पे मंज़र बदल जाता है
एक बार चले जाते हैं जो दिन-रात सुबह-ओ-शाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
Mp3 download or Play here
............
Vocals-Alpana
एक फिल्म जो देर तक दिमाग पर छाप छोड़े रहती है।
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गीतकार-आनंद बक्षी
संगीतकार-राहुल देव बर्मन
मूल गायक -किशोर कुमार
प्रस्तुत गीत में स्वर -अल्पना
गीत के बोल -
ज़िंदगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
1-फूल खिलते हैं,लोग मिलते हैं
मगर पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं
वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग जो सफ़र में बिछड़ जाते हैं
वो हज़ारों के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
2-आँख धोखा है,क्या भरोसा है
सुनो दोस्तों शक़ दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
कल तड़पना पड़े याद में जिनकी
रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हज़ारों सलाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
3-सुबह आती है,शाम जाती है
यूँही वक़्त चलता ही रहता है रुकता नहीं
एक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं
और परदे पे मंज़र बदल जाता है
एक बार चले जाते हैं जो दिन-रात सुबह-ओ-शाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते।
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Vocals-Alpana
एक फिल्म जो देर तक दिमाग पर छाप छोड़े रहती है।
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