बेताब दिल की तमन्ना यही है ...
गीत फिल्म-हँसते जख्म से है,
जिसे लिखा है--शकील बदायूंनी और धुन संगीतकार मदन मोहन जी की बनाई हुई है।
प्रस्तुत गीत कवर संस्करण है ।
स्वर-अल्पना
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गीत के बोल-
बेताब दिल की तमन्ना यही है
तुम्हे चाहेंगे तुम्हे पूजेंगे तुम्हे अपना खुदा बनाएँगे...
१-सूने सूने ख़्वाबों में, जब तक तुम ना आये थे
खुशियाँ थी सब औरों की,
ग़म भी सारे पराये थे अपने से भी छुपाई थी ,
धडकन अपने सीने की
हमको जीना पड़ता था, ख्वाहिश कब थी जीने की
अब जो आ के तुमने, हमें जीना सिखा दिया है
चलो दुनिया नयी बसायेंगे
२-भीगी-भीगी पलकों पर ,सपने कितने सजाये थे
दिल में जितना अँधेरा था, उतने उजाले आये हैं
तुम भी हमको जगाना ना ,बाहों में जो सो जाएँ
जैसे खुशबू फूलों में, तुम में यूँ ही खो जाएँ
पल भर किसी जनम में ,कभी छूटे ना साथ अपना
तुम्हे ऐसे गले लगाएंगे
३- वादे भी हैं कसमे भी, बीता वक्त इशारों का
कैसे कैसे अरमा हैं, मेला जैसे बहारों का
सारा गुलशन दे डाला, कलियाँ और खिलाओ ना
हँसते - हँसते रो दें हम, इतना भी तो हँसाओ ना,
दिल में तुम्ही बसे हो, रहा आँचल वो भर चुका है
कहाँ इतनी खुशी छुपाएंगे, बेताब दिल की तमन्ना यही है....
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