Dec 25, 2011

तू प्यार का सागर है ..


एक प्रार्थना गीत--
तू प्यार का सागर है.....
तेरी इक बूँद के प्यासे हम
लौटा जो दिया तुमने, चले जायेंगे जहाँ से हम
तू प्यार का सागर है ...

घायल मन का, पागल पंछी उड़ने को बेक़रार
पंख हैं कोमल, आँख है धुँधली, जाना है सागर पार
जाना है सागर पार
अब तू ही इसे समझा, राह भूले थे कहाँ से हम
तू प्यार का सागर है ...

इधर झूमती गाये ज़िंदगी, उधर है मौत खड़ी
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पड़ी
कानों में ज़रा कह दे, कि आये कौन दिशा से हम
तू प्यार का सागर है ...
मूल गायक: मन्ना डे, संगीतकार: शंकर जयकिशन, फिल्म: सीमा - 1955
गीतकार: शैलेन्द्र ,
प्रस्तुत गीत में स्वर--अल्पना with chorus effects..

9 comments:

दिलीप कवठेकर said...

A different Experience for a different experiment.

safeer said...

Mannaday ji ka ye geet (Bhajan) aap ki awaz men bahot achha laga. Is ki rythm kitnin khoobsoorat hai aur aapne sur men aur rythm men gaya.

mansoor said...

Poora song buhut acha gaya aap ne. Just one technical oversighted is that at the stage of " chorus voices" your voice should be silence

M VERMA said...

सुमधुर स्वर को सलाम

अल्पना वर्मा said...

aap sabhi ka shukriya ...
..................

Mansoor,mera dhyan is taraf gya nahin..chorus mei se main apna swar hataa deti hun..will remix it...thnx for this technical tip.

यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur) said...

बेहतरीन आवाज़।


सादर

ज्योति सिंह said...

roj sunati hoon ,kitni achchhi baat kahi hai -tu pyaar ka sagar hai ....

Dr.Nidhi Tandon said...

सुन्दर...सुमधुर!!

Reena Maurya said...

sundar geet..