एक प्रार्थना गीत--
तू प्यार का सागर है.....
तेरी इक बूँद के प्यासे हम
लौटा जो दिया तुमने, चले जायेंगे जहाँ से हम
तू प्यार का सागर है ...
तेरी इक बूँद के प्यासे हम
लौटा जो दिया तुमने, चले जायेंगे जहाँ से हम
तू प्यार का सागर है ...
घायल मन का, पागल पंछी उड़ने को बेक़रार
पंख हैं कोमल, आँख है धुँधली, जाना है सागर पार
जाना है सागर पार
अब तू ही इसे समझा, राह भूले थे कहाँ से हम
तू प्यार का सागर है ...
इधर झूमती गाये ज़िंदगी, उधर है मौत खड़ी
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पड़ी
कानों में ज़रा कह दे, कि आये कौन दिशा से हम
तू प्यार का सागर है ...
गीतकार: शैलेन्द्र ,
प्रस्तुत गीत में स्वर--अल्पना with chorus effects..
9 comments:
A different Experience for a different experiment.
Mannaday ji ka ye geet (Bhajan) aap ki awaz men bahot achha laga. Is ki rythm kitnin khoobsoorat hai aur aapne sur men aur rythm men gaya.
Poora song buhut acha gaya aap ne. Just one technical oversighted is that at the stage of " chorus voices" your voice should be silence
सुमधुर स्वर को सलाम
aap sabhi ka shukriya ...
..................
Mansoor,mera dhyan is taraf gya nahin..chorus mei se main apna swar hataa deti hun..will remix it...thnx for this technical tip.
बेहतरीन आवाज़।
सादर
roj sunati hoon ,kitni achchhi baat kahi hai -tu pyaar ka sagar hai ....
सुन्दर...सुमधुर!!
sundar geet..
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