Mar 23, 2013

अजीब दास्ताँ है ये ...

Meena Kumari 


फिल्म-  दिल  अपना और प्रीत पराई
गीतकार- शैलेन्द्र
संगीतकार-शंकर-जयकिशन
मूल गायिका-लता मंगेशकर

प्रस्तुत गीत कवर संस्करण है.

lyrics-
अजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंजिलें हैं कौन सी, न तुम समझ सके न हम

ये रोशनी के साथ क्यों, धुआँ उठा चिराग से
ये ख्वाब देखती हूँ मैं कि जग पड़ी हूँ ख्वाब से
अजीब दास्ताँ है...

मुबारकें तुम्हें कि तुम किसी के नूर हो गए
किसी के इतने पास हो कि सबसे दूर हो गए
अजीब दास्ताँ है...

किसी का प्यार लेके तुम नया जहाँ बसाओगे
ये शाम जब भी आएगी, तुम हमको याद आओगे
अजीब दास्ताँ है...
.......................

स्वर - अल्पना


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