Film-Shirin Farhad |
फिल्म-शीरीं-फरहाद [१९५८]
संगीतकार-एस.मोहिंदर
गीतकार-तनवीर नक़वी
मूल गायिका-लता मंगेशकर
गीत के बोल-
गुज़रा हुआ ज़माना, आता नहीं दुबारा
हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा
१) खुशियाँ थीं चार दिन की ,आँसू हैं उम्र भर के
तन्हाइयों में अक़्सर रोएंगे याद कर के
दो वक़्त जो कि हमने इक साथ है गुज़ारा
हाफ़िज़ ...
२) मेरी क़सम है मुझको तुम बेवफ़ा न कहना
मजबूर थी मुहब्बत सब कुछ पड़ा है सहना
टूटा है ज़िन्दगी का अब आखिरी सहारा
हाफ़िज़ ...
३) मेरे लिये सहर भी आई है रात बन कर
निकला मेरा जनाज़ा मेरी बारात बन कर
अच्छा हुआ जो तुमने देखा न ये नज़ारा
हाफ़िज़ ...
प्रस्तुत कवर गीत ---स्वर-अल्पना ---
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