Dec 9, 2011

दिल की आवाज़ भी सुन....

दिल की आवाज़ भी सुन मेरे फ़साने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पे न जा
१-इक नज़र देख ले जीने की इजाज़त दे दे
रूठने वाले वो पहली सी मुहब्बत दे दे

इश्क़ मासूम है इलज़ाम लगाने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी


२-वक़्त इनसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़के साया भी चला जाता है

दिन भी निकलेगा कभी,रात के आने पे न जा
मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ ..


मैं हक़ीक़त हूँ ये इक रोज़ बताऊँगी तुझे
बेगुनाही पे मुहब्बत की रुलाउंगी तुझे
दाग दिल के नहीं मिटते हैं मिटाने पे न जा

मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पे न जा
दिल की आवाज़ भी सुन.........
फिल्म -हमसाया, संगीत -ओ.पी.नय्यर
मूल गायक- मो. रफ़ी, गीत-शेवान रिज़वी
अभिनेता -जोय मुखर्जी
प्रस्तुत स्वर --अल्पना
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[recorded again on dec 9 as yesterday's song was not up to mark]

3 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

सुन्दर बोल, मधुर स्वर।

Avijit Das said...

Arey Wah!!!!! Achhi gayaki.. achhi awaz.. good feelings.. Controlled tune!! Complete singing ability.. Keep it up!!

Avjit das

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

.



दिल की आवाज़ भी सुन मेरे फ़साने पॅ न जा …
मेरी नज़रों की तरफ़ देख ज़माने पॅ न जा …


बहुत बहुत ख़ूब !
अल्पना जी जवाब नहीं आपका …

# लेकिन , Vyom ke Paar...व्योम के पार पर नई रचना कब लगाएंगी , इंतज़ार है …