Tabbu |
गीत -पानी पानी रे ..
संगीत -विशाल भरद्वाज
गीतकार-गुलज़ार ,मूल गायिक -लता जी
यहाँ प्रस्तुत कवर संस्करण में स्वर अल्पना का है.
गीत के बोल -
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पानी पानी रे खारे पानी रे
पानी पानी रे खारे पानी रे
नैनों में भर जा
नींदें खाली कर जा
पानी पानी इन पहाड़ों के ढलानों से
उतर जाना
धुंआ धुंआ कुछ वादियाँ भी आएँगी
गुज़र जाना
इक गाँव आएगा मेरा घर आएगा
जा मेरे घर जा..
नींदें खाली कर जा..
ये रुदाली जैसी रातें जगरातों में
बिता देना
मेरी आँखों में जो बोलेन मीठे पाखी तो
उड़ा देना
बर्फों में लगे मौसम पिघले
मौसम हरे कर जा
नींदें खाली कर जा....
पानी पानी रे खारे पानी रे
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2 comments:
बहुत ख़ूब, सुंदर गायिकी, दर्द भरी आवाज़…तब्बू पर आपकी अच्छी लगी...
ये रुदाली जैसी रातें जगरातों में
बिता देना
मेरी आँखों में जो
बोलनी के पाखी को
उड़ा देना
इसका सेंस जानना है।
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