फिल्म-सफ़र
संगीत-कल्यानजी आनंद जी
गीतकार-इन्दीवर
मूल गायिका-लता
प्रस्तुत गीत में स्वर --अल्पना
गीत के बोल-
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
डूबी जब दिल की नय्या, सामने थे किनारे
हम थे जिनके सहारे ...
१-क्या मुहब्बत के वादे, क्या वफ़ा के इरादे
रेत की हैं दीवारें, जो भी चाहे गिरा दे
जो भी चाहे गिरा दे....हम थे जिनके सहारे ...
२-है सभी कुछ जहाँ में, दोस्ती है वफ़ा है
अपनी ये कमनसीबी, हमको ना कुछ भी मिला है
हमको ना कुछ भी मिला है
हम थे जिनके सहारे ...
३-यूँ तो दुनिया बसेगी, तनहाई फिर भी डसेगी
जो ज़िंदगी में कमी थी, वो कमी तो रहेगी
वो कमी तो रहेगी,हम थे जिनके सहारे ...
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6 comments:
गानों का आज तक का चयन और सुन्दर अदायगी बहुत सुन्दर लाजवाब माँ सरस्वती कि कृपा रहे आप सदा यूँ ही गुनगुनाती रहें
@Thanks Ramakant ji.
इस विरह गीत को बड़ी खूबसूरती से गाया है आपने... अपने स्वर में दर्द को बखूबी उभारा है...
@Thanks Himkar ji.
bahut feeling ke sath gaya hai!!!
Thanks Santosh
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