धीरे -धीरे मचल ऐ दिले बेक़रार
फिल्म-अनुपमा
मूल गायिका-लता मंगेशकर
संगीत-हेमंत कुमार
गीत-कैफी आज़मी
यह गीत न जाने क्यूँ लोरी जैसा मीठा सुनायी देता है।
बहुत दिनों बाद नयी प्रस्तुति है परन्तु इस में कोई साज़ नहीं बस आवाज़ है।
गीत के बोल-
धीर -धीरे मचल ऐ दिल बेकरार कोई आता है,
यूँ तड़प के न तदपा मुझे बार-बार कोई आता है ,
धीरे धीरे मचल ऐ दिल -ऐ -बेकरार। ......
१-उसके दमन की खुश्बू हवाओं में है ,
उसके क़दमों की आहट फ़ज़ाओं में है ,
मुझको करने दे करने दे सोलाह सिंगार कोई आता है…
२-मुझको छूने लगीं उसकी परछाईयाँ ,
दिल के नज़दीक बजती हैं शहनाईयाँ ,
मेरे सपनो के आँगन में गाता है प्यार कोई आता है…।
धीरे धीरे मचल ऐ दिल -ऐ -बेकरार।
स्वर- अल्पना
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फिल्म-अनुपमा
मूल गायिका-लता मंगेशकर
संगीत-हेमंत कुमार
गीत-कैफी आज़मी
यह गीत न जाने क्यूँ लोरी जैसा मीठा सुनायी देता है।
बहुत दिनों बाद नयी प्रस्तुति है परन्तु इस में कोई साज़ नहीं बस आवाज़ है।
गीत के बोल-
धीर -धीरे मचल ऐ दिल बेकरार कोई आता है,
यूँ तड़प के न तदपा मुझे बार-बार कोई आता है ,
धीरे धीरे मचल ऐ दिल -ऐ -बेकरार। ......
१-उसके दमन की खुश्बू हवाओं में है ,
उसके क़दमों की आहट फ़ज़ाओं में है ,
मुझको करने दे करने दे सोलाह सिंगार कोई आता है…
२-मुझको छूने लगीं उसकी परछाईयाँ ,
दिल के नज़दीक बजती हैं शहनाईयाँ ,
मेरे सपनो के आँगन में गाता है प्यार कोई आता है…।
धीरे धीरे मचल ऐ दिल -ऐ -बेकरार।
स्वर- अल्पना
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