Jan 28, 2012

हम कश्मकशे ग़म से [just vocals]

हम कश्मकशे ग़म से गुज़र क्यूँ नहीं जाते..


फिल्म-फ्री लव [१९७४]..गीतकार -असद भोपाली.
मूल  गायिका लता जी....यह एक ऐसा गीत है जिसे शायद लोग भूल चुके हैं या उन्होंने सुना भी नहीं होगा.
लेकिन लता जी के गाये दर्द भरे गीतों में यह एक बेहतरीन गीत माना  जा सकता है .जिसे उतनी लोकप्रियता नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी ..साहिर साहब के लिखे गीत तंग आ चुके हैं कश्मकशे जिंदगी से हम 'का बराबर मुकाबला करती है असद भोपाली साहब की लिखी यह ग़ज़ल.
मैं बिना किसी संगीत के इस ग़ज़ल को यहाँ सुना  रही हूँ....




 स्वर-अल्पना

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Jan 24, 2012

बहुत हमने रोका [नज़्म]



बहुत हमने रोका [नज़्म ]
यह किस की लिखी हुई है मालूम नहीं...कभी प्रकाश गोविंद जी की आवाज़ में सुनी थी ....अच्छी लगी तो यहाँ अपने स्वर में सुना रही हूँ।
केवल स्वर
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Jan 19, 2012

दिल के टुकड़े -टुकड़े कर के


दिल के टुकड़े - टुकड़े कर के मुस्करा के चल दिये ॥फिल्म दादा का यह गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था।
Lyricist : Ravindra Jain
Actors : Vinod Mehra, Bindiya Goswami
Music Director : Usha khanna

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स्वर - अल्पना
Female version-Cover by-Alpana

Jan 17, 2012

वो भूली दास्ताँ लो फिर याद आ गई ..


वो भूली दास्ताँ लो फिर याद आ गई ..
फिल्म- संजोग
Lyrics: Rajinder Krishan
Music director-Madan Mohan


वो भूली दास्तां लो फिर याद आ गई
नज़र के सामने घटा सी छा गयी
वो भूली दास्तां ...........

कहाँ से फिर चले आये, वो कुछ भटके हुए साये
वो कुछ भूले हुए नग़मे, जो मेरे प्यार ने गाये
वो कुछ बिखरी हुई यादें, वो कुछ टूटे हुए नग़मे
पराये हो गये तो क्या, कभी ये भी तो थे अपने
न जाने इनसे क्यों मिलकर, नज़र शर्मा गयी
वो भूली ...

बड़े रंगीन ज़माने थे, तराने ही तराने थे
मगर अब पूछता है दिल, वो दिन थे या फ़साने थे
फ़क़त इक याद है बाकी, बस इक फ़रियाद है बाकी
वो खुशियाँ लुट गयी लेकिन, दिल-ए-बरबाद है बाकी
कहाँ थी ज़िन्दगी मेरी, कहाँ पर आ गयी
वो भूली ...

उम्मीदों के हँसी मेले, तमन्नाओं के वो रेले
निगाहों ने निगाहों से, अजब कुछ खेल से खेले
हवा में ज़ुल्फ़ लहराई, नज़र पे बेखुदी छाई
खुले थे दिल के दरवाज़े, मुहब्बत भी चली आई
तमन्नाओं की दुनिया पर, जवानी छा गयी
वो भूली ...

वो भूली दास्तां लो फिर याद आ गयी
नज़र के सामने घटा सी छा गयी
वो भूली दास्तां लो फिर याद आ गयी

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Cover song by Alpana

स्वर- अल्पना

Jan 9, 2012

नग़मा ओ शेर ...[केवल स्वर ]


naghma o sher ki saugat kise pesh karun..
ek ghazal..Written by Sahir ludhyanawi
Simply reciting !
[Awaaz-Alpana]Mp3 Download here

Jan 7, 2012

आँखों में क्या जी[फिल्म-नौ दो ग्यारह ]



फिल्म-नौ दो ग्यारह,
गीतकार -मजरूह सुल्तानपुरी ,संगीत-एस डी बर्मन .
मूल गायक-आशा जी और किशोर दा.
Film- Nau Do Gyarah,[1957]
Dev Anand, Kalpana Kartik
प्रस्तुत कवर गीत में स्वर अल्पना और बाबुल सुप्रियो के हैं.
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=
आँखों में क्या जी रुपहला बादल
बादल में क्या जी किसी का आँचल
आँचल में क्या जी अजब सी हलचल

रंगीं है मौसम,तेरे दम की बहार है
फिर भी है कुछ कम,बस तेरा इंतज़ार है
देखने में भोले हो,पर हो बड़े चंचल
आँखों में क्या जी...

झुकती हैं पलकें,झुकने दो और झूम के
उड़ती हैं ज़ुल्फें,उड़ने दो होंठ चूम के
देखने में...

झूमें लहरायें,नैना मिल जाये नैन से
साथी बन जायें,रस्ता कट जाये चैन से
देखने में भोले हो,पर हो बड़े चंचल...
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Jan 6, 2012

मेरे ख्वाबों में जो आये

मेरे ख्वाबों में जो आये
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यह एक बहुत ही लोकप्रिय फिल्म का लोकप्रिय गीत है.
फिल्म-'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे'
संगीत -जतिन ललित
गीत-आनंद बक्षी
मूल गायिका-लता मंगेशकर
प्रस्तुत है कवर संस्करण -स्वर-अल्पना
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Song suggested by Mr.Prakash Govind[almost two years back]

आइये मेहरबान [फिल्म-हावडा ब्रीज]



आइये मेहरबान ....एक बेहद लोकप्रिय गीत जो
किसी परिचय का मोहताज नहीं है.
फिल्म-हावडा ब्रीज, मूल गायिका आशा भोसले.
Cover Song by Alpana
प्रस्तुत है कवर संस्करण -स्वर-अल्पना
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Song suggested by Mr.Satish Kumar[A vocalist]

Jan 3, 2012

बहारों मेरा जीवन भी संवारो




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 प्रस्तुत  गीत फिल्म आखिरी खत से है.
धुन खय्याम साहब की है और गीत कैफी आज़मी का लिखा है .

बहारों मेरा जीवन भी सँवारों, बहारों
कोई आए कहीं से, यूँ पुकारो, बहारों ...

१-तुम्हीं से दिल ने सीखा है तड़पना -
तुम्हीं को दोष दूंगी, ऐ नज़ारों, बहारों ...

२-रचाओ कोई कजराना  ओ गजरा -
लचकती डालियों तुम, फूल वारो, बहारों ...
३-लगाओ  मेरे इन हाथों में मेहंदी -
सजाओ माँग मेरी, या सिधारो, बहारों
Vocals- Alpana

Jan 1, 2012

ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ...



'ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ये चंचल हवा,
कहा दो दिलों ने, कि होंगे न मिल कर, कभी हम जुदा.
यह गीत फिल्म 'दिल्ली का ठग ' से है .इसे गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है और संगीत बद्ध किया है रवि ने.
यहाँ प्रस्तुत है इस गाने का कवर संस्करण पार्श्वगायक बाबुल सुप्रियो और अल्पना की आवाज़ में.
Presenting Cover Song by Babul Supriyo and Alpana
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