फ़िल्म-ठोकर
मूल गायक -रफ़ी
संगीतकार--श्याम जी घनश्याम जी
गीतकार -साजन देहलवी
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ
१-मैं ने कब तुझ से ज़माने की ख़ुशी माँगी है
एक हलकी सी मेरे लब ने हँसी माँगी है
सामने तुझ को बिठाकर तेरा दीदार करूँ
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ
२-साथ छूटे न कभी तेरा यह क़सम ले लूँ
हर ख़ुशी देके तुझे तेरे सनम ग़म ले लूँ
हाय, मैं किस तरह से प्यार का इज़हार करूँ
जी में आता है कि जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ.
film Thokar (1974) original singer- Rafi
Music: Shamji Ghanshamji
Lyrics: Sajan Delvi
Raga: Bhairavi
यह गीत मुझे बहुत पसंद हैं,रफ़ी साहब के बेहतरीन प्रेम-गीतों में से एक लगता है.
जितनी बार सुनो हमेशा नया सा लगता है .
बहुत इच्छा थी कि इसे अपना स्वर भी दूँ...इसलिए यह प्रस्तुति एक प्रयास है.
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-कवर संस्करण - स्वर -अल्पना
11 comments:
बहुत सुन्दर .. मधुर स्वर
बहुत अच्छा लगा सुन कर।
सादर
कुछ गाने ऐसे होते हैं जो हमेशा नए बने रहते हैं ! रफ़ी साहब के अनेक दिलकश गानों में यह गाना भी उन्ही में से है ! यह गाना जितनी बार भी सुनो ताजगी से भरपूर लगता है !
आपके द्वारा बहुत सुन्दर प्रस्तुति है !
बधाई एवं आभार !!
वाह! वाह! बहुत बढ़िया निभाया है आपने रफ़ी साहब के इस बेहतरीन गीत को... (क्या ताल में कुछ बदलाव भी है?)
सादर बधाई...
@Sanjay ji,
Aap ne theek samjha hai ,...original geet se is minus track ki tal mei farak hai..net par available tracks par hi ham nirbhar hain...orchestra sath ho to sahi bajaaya jaayega..
bahut sundar!
वाह, संगीत का प्रभाव तो विशेष होता है।
bahut khoob. lambe samay se aapki koi post nahi padi.. ab tak vyom k paar ko padta aaya hu.. aaj is blog k baare m bhi pta chala .. bahut khoob alpana ji
when ever I hear the recordings of you ,I refer to the original song ,listen it keenly note by note couple of times ,then I comment. Simply superb !!!....and justified Alpana Ji.
Alpana... very nicely sung, kaash ye do gana hota to tumhare saath gata.
Nicely sung.
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