Jan 27, 2016

हिंद देश के निवासी -देशभक्ति गीत -

हिन्द  देश के निवासी









गीतकार- पंडित विनयचन्द्र मौद्गल्य
संगीतकार-बसंत देसाई
गीत-

हिंद देश के निवासी सब जन एक हैं
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं

१.बेला गुलाब जूही चंपा चमेली
प्यारे प्यारे फूल गुंथे
माला में एक हैं

2. कोयल की कूक प्यारी पपीहे की टेर न्यारी
गा रही तराना बुलबुल
राग मगर एक है

3. गंगा - जमुना ब्रहमपुत्र कृष्णा  कावेरी
जाके मिल गयी सागर में
हुई सब एक हैं

हिन्द देश के निवासी सब जन एक हैं
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं .
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7 comments:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28 - 01 - 2016 को चर्चा मंच पर चर्चा -2235 में दिया जाएगा
धन्यवाद

कविता रावत said...

बहुत प्यारा गीत है बहुत पसंद है मुझ भी

Alpana Verma said...

bahut -bahut dhnywaad charchamanch par ise share karne ke liye Dilbaag ji.
Saabhar.

Alpana Verma said...

shukriya Kavita ji.

ज्योति सिंह said...

Beautiful banasthali ki yaad aa gayi

Asha Joglekar said...

मुझे भी बहुत पसंद है यह गीत।

Unknown said...

यह गाना मुझे बहुत पसंद आया और इस गाने को सुनकर हमारे रोम-रोम खड़े हो जाते हैं और इतने प्रेरणा और इतना प्रेम मेरे देश के लिए हिंद देश के निवासी हम सब एक हैं