Picture from Google images. |
१९७१ में बनी फिल्म 'मेरे अपने' का यह गीत शायद बहुत कम लोगों ने सुना होगा क्योंकि यह फिल्म से काट दिया गया था .शायद फिल्म में मीना कुमारी पर फिल्माया गया होगा.
गीत के बोल बहुत ही खूबसूरत और अर्थपूर्ण हैं...
गीत अनूठा है क्योंकि 'बिरहन रात ' की ऐसी खूबसूरत कल्पना सिर्फ गुलज़ार ही कर सकते हैं!
गीत की मूल गायिका लता जी हैं यहाँ प्रस्तुति में मैं ने अपना प्रयास किया है.
संगीतकार सलील चौधरी हैं .
रोज अकेली आये रोज अकेली जाए, चाँद कटोरा लिए भिखारिन रात
मोतियों जैसे तारे ,आँचल में हैं सारे ...
हाय रे फिर क्या मांगे भिखारन रात...
जोगन जैसी लागे ना सोये न जागे ...
गली-गली में जाए भिखारन रात
रोज़ लगाये फेरा है कोई नन्हा सवेरा ..
गोद में भर दो आई भिखारन रात
Download here