शायर क़तील शिफाई की एक ग़ज़ल
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मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम
आंसू छलक छलक के सताएंगे रात भर
मोती पलक पलक में पिरोया करेंगे हम
जब दूरियों की आग दिलों को जलाएगी
जिस्मों को चांदनी में भिगोया करेंगे हम
गर दे गया दगा़ हमें तूफ़ान भी ‘क़तील’
साहिल पे कश्तियों को डुबोया करेंगे हम
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मूल ग़ज़ल 'Album A Milestone' से जगजीत और चित्रा जी की आवाज़ में है.
यहाँ प्रस्तुत कवर संस्करण गायक राजा पाहवा और अल्पना के स्वरों में है.
30 comments:
nice
वाह!वाह!!वाह!!! बहुत उम्दा ग़ज़ल
बहुत ही अच्छी ग़ज़ल है. मेरे पास इसका रिकॉर्ड है बहुत पुराना
बहुत सुंदर....
बेहद खूबसूरत ग़ज़ल...प्रस्तुति के लिए आभार
आपकी और पहावा जी की आवाज में सुनकर भी आनन्द आया.
वाह अल्पना जी बहुत दिनो बाद ब्लागजगत से रूबरू हुई हूँ और आते ही ये शानदार गज़ल सुनी । धन्यवाद्
sundar post...gazal me shandar aawaj....
सुन्दर !!! दिल को छु लिया !
Gazal to behad khoobsoorat hai..haan! Is waqt sunneki suvidha nahi..afsos!
"मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम"
बहुत सुन्दर गायकी.
आंसू छलक छलक के सताएंगे रात भर
मोती पलक पलक में पिरोया करेंगे हम
" बेहद खुबसूरत ग़ज़ल"
regards
बढिया है।
Wah bhaee bohut khoob ghazal gayee aap dono ne.
Aapki awaz tu aur bhi ziada crisp sunayee di iss mein. Aur ye Raja kon hein? Bohut umdah gaya hai unhon ne bohut he achha blend raha aap dono ka.
Congratulations.
-Muzaffar Naqvi
waah maza aa gaya ,bachpan se jise suna dairy me saheja aur aaj bhi lagatar jise sunate rahte hai aese gajal ko sun apne dost ki awaz me aanand se jhoom uthi ,bahut bahut sundar shabd nahi mil rahe khushi ko bayan karne ke liye ,waise hi yahan meri pasand ki bharmaar hai .
मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम
आंसू छलक छलक के सताएंगे रात भर
मोती पलक पलक में पिरोया करेंगे हम
जब दूरियों की आग दिलों को जलाएगी
जिस्मों को चांदनी में भिगोया करेंगे हम
गर दे गया दगा़ हमें तूफ़ान भी ‘क़तील’
साहिल पे कश्तियों को डुबोया करेंगे हम
har shabd dil ko chhute hai aesi gazal hai .........
Bahut purani yaadein taza kar dee aap dono ne ye behtareen ghazal ga kar....
bahut achha gaya aur nibhaya hai aapne,,,,Raja to manjhay hue kalakaar hain hi Alpana ji aap ne to dhoom macha rakhi hai aajkal....congrats....keep it up!
Dr.Sridhar Saxena
हंसा जी की राय ईमेल से प्राप्त -:
Hello Alpana & Raja
Aap dono nein yeh Ghazal bahot acchi gayi hey despite it's your first duet Ghazal! Clear mixing too. Enjoyed listening.
Keep sharing.
With kind regards.
Hansa
बढिया ....
मेरा शनि अमावस्या पर लेख जरुर पढे।आप की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ....आभार
http://ruma-power.blogspot.com/
One of my fav ghazal and totally different rendition from your side... I know you've been presenting your own ghazals among listeners but this time a beautiful sung by Jagjit & Chitra. Raja saheb have also got good voice and both of you sang it nicely. Enjoyed it much.
keep sharing.
~Jav
Dear Alpanaji and Raja ji,
Is difficult ghazal ko bahut hi badhiya gane ke liye aap donon ko mubarak. aapki gayaki aur aawaz bhi bahut achhii hai.aapne synchronously zabardast gaya. feelings , flow , sur aur taal mein mein singing bahut sahi rahi.
ab aur bhi nagmein gayeeye .
Regards
Rajiv
ek behtareen gajal, behtareen awaaj me.....:)
Alpana ji,
I am very much fond of ghazals. Thanks for sharing such a fine piece here.
I got to hear my favorite song as well...."Tum apna ranjo gam...."
Loving your voice.
बेहद खुबसूरत ग़ज़ल.
जितनी बार इसे सुनता हूं.. मेरी आंखे से आंसू छलक आते हैं...
अच्छी ग़ज़ल सुनी .....
बहुत बढिया ....
didi ye gana aapne aur raja ji ne bahut acha gaya hai. aap ek baar sir ke sath bhi koyi gana gayiye na.
गज़लकार प्राण शर्मा जी की टिप्पणी ईमेल से प्राप्त-:
प्रिय अल्पना जी,
आज पहली बार आपके ब्लॉग पर गया हूँ. आपके और राजा पाहवा के स्वरों में क़तील शिफ़ाई की ग़ज़ल " मिलकर जुदा
हुए तो --------- " सुन कर मैं आनंदित हो गया हूँ.आपकी मधुर आवाज़ है.स्वर के उतार- चड़ाव को सब जानती हैं आप.आपके
कई albums निकलने चाहिए.किसी दिन फुर्सत में आप द्वारा गाये सभी गीत- गज़लें सुनूँगा.
गत वर्ष जगजीत सिंह के शिष्य अमेरिका निवासी जसवंत सिंह ने मेरी एक ग़ज़ल की धुन बनाई थी.ग़ज़ल के चार अशआर
आपको सुनाना चाहता हूँ--
प्यार करना सिखा दिया तूने
रोग कैसा लगा दिया तूने
एक ये भी है तेरी दानाई
मुझको पागल बना दिया तूने
ख्वाब देखा तो ये हुआ महसूस
मुझको आकार जगा दिया तूने
उफ़, ये तेरे शबाब की गर्मी
मेरा तन- मन जला दिया तूने
शुभ कामनाओं के साथ,
प्राण शर्मा
बहुत सुंदर गज़ल और उतनी ही खूबसूरत आपकी और राजा पाहवा जी की प्रस्तुती । बधाई ।
जितनी सुंदर गज़ल उतनी ही सुंदर आप दोनो की गायकी ।
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