Feb 23, 2010
39-ये लो मैं हारी
ये लो मैं हारी पिया
चित्रपट : आर पार
संगीतकार : ओ. पी. नय्यर
गीतकार : मजरूह सुलतान पुरी
मूल गायिका : गीता दत्त
Starring: Shyama
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[Posted song is not original]
ये लो मैं, ये लो मैं
ये लो मैं हारी पिया,हुई तेरी जीत रे
काहे का झगड़ा बालम,नई नई प्रीत रे
ये लो मैं...
नये नये दो नैन मिले हैं,पहली मुलाकात है
मिलते ही तुम रूठ गये जी..ये भी कोई बात है,
जाओ जी माफ़ किया,तू ही मेरा मीत रे
काहे का झगड़ा ...
हुई तिहारी संग, चलोजी बैयाँ मेरी थामके
बंधी बलम क़िस्मत की डोरी संग तेरे नाम के
लड़ते ही लड़ते मौसम जाये नहीं बीत रे
काहे का झगड़ा ...
चले किधर को बोलो बाबू सपनों को लूट के
हाय राम जी रह नहीं जाए दिल मेरा टूटके,
ये लो मैं हारी पिया,हुई तेरी जीत रे
काहे का झगड़ा बालम,नई नई प्रीत रे
ये लो मैं हारी पिया ...
Cover Song-sung by Alpana
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12 comments:
nice
बहुत -बहुत सुंदर.
बहुत दिनों बाद ये गीत सुन मन प्रसन्न हुआ...
अलपना जी मज़ा आ गया गीत सुन कर । बहुत सुरीली आवाज़ है आपकी। शुभकामनायें
accha laga, Alpana ji
dhanyawaad.
सुन्दर गीत
मधुर
"अच्छा गाया आपने.....।"
प्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com
वाकई में आपकी आवाज़ का टिंबर गीता दत्त जी से मिलता है.
इस गाने में आपनें गीताजी की शोखियां, चुलबुलापन और मस्ती हू ब हू रेंडर की है, जो इस गीत का यू एस पी है.
एक और बात. इस में मुरकीयां भी अच्छी है, और स्वरों की रेंज भी खूबसूरती से मेनेज की है.
बधाईयां स्वीकार करें!
गीत का चयन बहुत ही उम्दा है. दिलीप जी की टिप्पणी पढते हुये मैने दुबारा ध्यान से सुना...वाकई आप मुर्कियां बहुत अच्छी लेजाती हैं...और यही आपके गायन को एक अलग अंदाज देता है. बहुत खूबसूरत. शुभकामनाएं.
रामराम.
गीता जी का एक खास अंदाज था .जिसे दिलीप जी ने सही पकड़ा है ....
अल्पना जी, हमें तो आपके इस ब्लाग का मालूम ही नहीं था...आज अचानक से आ गये तो पता चला...
गीत वाकई बहुत बढिया गाया है आपने...आपकी आवाज में सुनना अच्छा लगा..
Holi kee anek shubhkamnayen!
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