फिल्म : नीलकमल [1968]
गीतकार : साहिर लुधियानवी,
संगीतकार : रवि ,
मूल गायिका : आशा भोसले,
गीत-
हे रोम रोम में बसने वाले राम
जगत के स्वामी, हे अंतर्यामी, मैं तुझ से क्या माँगू
१-आस का बंधन तोड़ चूकी हूँ
तुझ पर सब कुछ छोड़ चूकी हूँ
नाथ मेरे मैं क्यो कुछ सोचूँ, तू जाने तेरा काम
जगत के स्वामी ....
२-तेरे चरण की धूल जो पाये
वो कंकर हीरा हो जाये
भाग मेरे जो मैने पाया, इन चरणों में धाम.
जगत के स्वामी ....
३-भेद तेरा कोई क्या पहचाने
जो तुझ सा हो, वो तुझे जाने
तेरे किये को हम क्या देवे, भले बुरे का नाम.
हे रोम रोम में बसने वाले राम ....
प्रस्तुति -कवर संस्करण -स्वर- अल्पना
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1 comment:
मन को छुते बोल मीठी आवाज वाह कमाल हो गया
दिन को पंख लग गये
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