'वक़्त ने किया क्या हसीं सितम ,तुम रहे न तुम हम रहे न हम 'फिल्म कागज के फूल [१९५९]के लिए गीत कैफ़ी आज़मी का लिखा और सचिन देव बर्मन जी के संगीत निर्देशन में गीता जी ने गाया था.इसे अदाकार वहीदा रहमान और गुरु दत्त पर फिल्माया गया था.
यह गीत किसी परिचय का मोहताज नहीं है.गीता दत्त जी के गाये इस गीत को कई गायकों ने अपनी आवाज़ में दोबारा गाया.मगर गीता जी का जादू फ़िर कभी दोहराया नहीं गया.वह आज तक मूल गीत में कायम है और अनछुआ है।
मैं इस गीत को कभी गाने की जुर्रत न करती क्योंकि मेरी नज़र में यह अतुलनीय है,अनमोल है लेकिन गायक हर्षण नाम्ब्यार जी के सुझाव पर एक कोशिश की है।
जो भी गीत हम यहाँ गा रहे हैं उनके ट्रेक बने बनाये होते हैं और गीत को निभा सकना भी सीमित हो जाता है।इसलिए इस कोशिश को उसी के मद्दे नज़र तोलियेगा.
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'वक़्त ने किया क्या हसीं सितम'[कवर संस्करण ]
[स्वर-अल्पना ]
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