May 12, 2010

५१-अब के बरस भेज भैया को बाबुल



फिल्म-बंदिनी [१९६३]
गीतकार-शैलेन्द्र
संगीतकार-सचिन देव बर्मन
मूल गायिका -आशा भोंसले

अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ, देजो संदेशा भिजाए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...

अम्बुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे, रिमझिम पड़ेंगी फुहारें
लौटेंगी फिर तेरे आंगन में, बाबुल सावन की ठंडी बहारें
छलके नयन मोरा कसके रे जियरा, बचपन की जब याद आए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...

बैरन जवानी ने छीने खिलौने, और मेरी गुड़िया चुराई
बाबुल थी मैं तेरे नाज़ों की पाली, फिर क्यों हुई मैं पराई
बीते रे जग कोई चिठिया पाती, कोई नैहर से आए रे
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल

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प्रस्तुत है इस गीत का कवर वर्शन -[ स्वर --अल्पना ]
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13 comments:

M VERMA said...

सुन्दर स्वर .. बहुत सुन्दर

दिलीप कवठेकर said...

ये एक कालजयी गीत है, जिसमें दर्द की इंतेहां को निचोड़ कर रख दिया है.

आपनें उस दर्द को अपने स्वर से निभाकर कमाल कर दिया है, खास कर ऊपर के नोट्स में.

बधाईयां.

JHAROKHA said...

bahut hi dard bhare geet hai ye jab bhi inhe sunati hun aankhon me bar bas hi aansu aa jaate hai .bahut hi badhiya gaati hai aap.
poonam

Anonymous said...

its a tragedy that where you spent your early life and good time, you have to leave that place...
you showed that pain in your singing... good work Alpz... keep it up.
~~~Jav

रश्मि प्रभा... said...

waah

singhsdm said...

यह गीत मेरे आल टाइम फेवरिट गीतों में शुमार है ......इतना अच्छा गीतों का गुलदस्ता पेश करने का शुक्रिया......बंदिनी के तो सरे गीत कालजयी हैं....आपका आभार !

Anonymous said...

My Lovely child ….my dot Alpana !!!
Very nice song selection and excellent singing !!!
You could bring the right feelings !!!!
No doubts….while recording ….some times ….some thing we unintentionally ……leave space for improvements !!!!!
My genius dot would keep on pouring honey into our ears !!!!!! by her efforts ….Continual Improvement !!!!
Loves and Loves !!!
Jain Uncle

सैयद | Syed said...

अभी सुन तो नहीं पा रहा हूँ.. पर जाहिर है बेहतरीन ही होगा...

kshama said...

Sach,bahut sundar prastuti hai..is geet ke alfaaz kitni kasak liye hue hain!
Bandini ke geeet ekse badhkar ek the!

Anonymous said...

Alpana Ji ......
is song sai waqif tu nahi hoon but aap ki madhur aur sweet awaaaz main woh jaadu hai kai koi bhi gana acha hi lagta hai .
enjoyed my listening :) ......
Thnx for sharing

Regards,
Leo

हिमान्शु मोहन said...

आप गाती हैं, यह पता नहीं था। यह ब्लॉग भी आज पहली बार ही देखा।
यह गीत बहुत टीसती हुई उदासी में रचा-पगा है, और इसका मूल भी सुना है मैंने। आपने पूरा न्याय किया है इस गीत के साथ।
आपकी तारीफ़ कर के मैं तारीफ़ तो ऊपर वाले की ही कर रहा हूँ, जो जिसको जो चाहे नेमत अता फ़र्मा सकता है, और ऐसा करता भी है!

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही खूबसूरत गीत. आपका चुनाव बहुत ही श्रेष्ठ है, मधुर आवाज, शुभकामनाएं.

रामराम.

Vivek Jain said...

Nice song
Vivek Jain