फिल्म : चिराग
संगीतकार : मदन मोहन
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
मूल गायिका :लता
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
ये उठें सुबह चले, ये झुकें शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा ...
1-ये हों कहीं इनका साया मेरे दिल से जाता नहीं
इनके सिवा अब तो कुछ भी नज़र मुझको आता नहीं
ये उठें सुबह चले ...
2-ठोकर जहाँ मैने खाई इन्होंने पुकारा मुझे
ये हमसफ़र हैं तो काफ़ी है इनका सहारा मुझे
ये उठें सुबह चले ...
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
मेरी आवाज़ में सुनिये ये गीत-:
Recorded in July 2008
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Yeh Arvind Sharman ji kii pasand ka geet hai ,jinhone apne recording studio mei ise final kiya hai.Thanks Arvind ji.