Movie: Janam Janam Ke Phere[1957 ]
Music Director: S.N. Tripathi , Lyrics by Bharat Vyas
Director: Manoo Desai
Original Singers: Mohd Rafi sb & Lata ji.
Vocals : Safeer and Alpana
यह गीत सन १९५७ में बिनाका गीतमाला में पहले पायदान पर रहा था.
प्रस्तुत है यह आध्यात्मिक भाव लिए गीत जिसमें परमात्मा को 'छलिये' कहकर पुकारा जा रहा है, परमात्मा का अंश ही तो है यह मानव ,उससे अलग होने के बाद वह फिर से मिलन की आस लिए सांसारिक बियाबान में भटकता रहता है .
ऐसी उतार-चढ़ाव की स्थिति न जाने कितनी बार मनुष्य के जीवन में आती है जब उसे ईश्वर एक 'छलिया' प्रतीत होने लगता है.
गीतकार ने इस गीत में उस परमपिता के प्रति विश्वास भी जताया है कि विषम परिस्थितयों में मनुष्य को डरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ईश्वर से उसका सम्बन्ध वही है जो एक पिता का अपने पुत्र से होता है.हम जब अपने इष्ट से प्रीत की लौ लगाते हैं तो उसकी आँच इष्ट के मन तक भी पहुँचती है ,वह अनभिज्ञ नहीं रहताI
Lyrics: Zara Samne to aao Chahliye:
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप -छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये..
1.हम तुम्हें चाहे तुम नहीं चाहो,ऐसा कभी नहीं हो सकता
पिता अपने बालक से बिछुड़ के ,सुख से कभी न सो सकता
हमें डरने की जग में क्या बात है,जब हाथ में तिहारे मेरी लाज है
यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा,मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये~~
2.प्रेम की है ये आग सजन जो,इधर उठे और उधर लगे -2
प्यार का है ये तार पिया ,जो इधर सजे और उधर बजे
तेरी प्रीत पे बड़ा हमें नाज़ है,मेरे सर का तू ही रे सरताज है
यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा,मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप - छुप छलने में क्या राज़ है ,यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है ,ज़रा सामने तो आओ छलिये...
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Music Director: S.N. Tripathi , Lyrics by Bharat Vyas
Director: Manoo Desai
Original Singers: Mohd Rafi sb & Lata ji.
Vocals : Safeer and Alpana
यह गीत सन १९५७ में बिनाका गीतमाला में पहले पायदान पर रहा था.
प्रस्तुत है यह आध्यात्मिक भाव लिए गीत जिसमें परमात्मा को 'छलिये' कहकर पुकारा जा रहा है, परमात्मा का अंश ही तो है यह मानव ,उससे अलग होने के बाद वह फिर से मिलन की आस लिए सांसारिक बियाबान में भटकता रहता है .
ऐसी उतार-चढ़ाव की स्थिति न जाने कितनी बार मनुष्य के जीवन में आती है जब उसे ईश्वर एक 'छलिया' प्रतीत होने लगता है.
गीतकार ने इस गीत में उस परमपिता के प्रति विश्वास भी जताया है कि विषम परिस्थितयों में मनुष्य को डरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ईश्वर से उसका सम्बन्ध वही है जो एक पिता का अपने पुत्र से होता है.हम जब अपने इष्ट से प्रीत की लौ लगाते हैं तो उसकी आँच इष्ट के मन तक भी पहुँचती है ,वह अनभिज्ञ नहीं रहताI
Lyrics: Zara Samne to aao Chahliye:
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप -छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये..
1.हम तुम्हें चाहे तुम नहीं चाहो,ऐसा कभी नहीं हो सकता
पिता अपने बालक से बिछुड़ के ,सुख से कभी न सो सकता
हमें डरने की जग में क्या बात है,जब हाथ में तिहारे मेरी लाज है
यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा,मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये~~
2.प्रेम की है ये आग सजन जो,इधर उठे और उधर लगे -2
प्यार का है ये तार पिया ,जो इधर सजे और उधर बजे
तेरी प्रीत पे बड़ा हमें नाज़ है,मेरे सर का तू ही रे सरताज है
यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा,मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप - छुप छलने में क्या राज़ है ,यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है ,ज़रा सामने तो आओ छलिये...
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2 comments:
Nice and apt video clips and pics added to this presentation ..
A beautiful write up of this great song .. and sung by you with great dedication .. Thanks for the collaboration and making it a memorable one..
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